अब ट्रस्ट अस्पतालों में गरीबों की आंखों का हो सकेगा ऑपरेशन, टीबी मरीजों के बैंक खाते में भी जमा होंगे पैसे

Eye Operations for poor people will be start in Trust hospitals
अब ट्रस्ट अस्पतालों में गरीबों की आंखों का हो सकेगा ऑपरेशन, टीबी मरीजों के बैंक खाते में भी जमा होंगे पैसे
अब ट्रस्ट अस्पतालों में गरीबों की आंखों का हो सकेगा ऑपरेशन, टीबी मरीजों के बैंक खाते में भी जमा होंगे पैसे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में ट्रस्ट के अस्पतालों में अब निर्धन और दुर्बल मरीजों के ऑखों का ऑपरेशन भी हो सकेगा। विधान परिषद में इससे संबंधित विधेयक को मंजूरी मिल गई है। शुक्रवार को सदन में महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वस्त व्यवस्था संशोधन विधेयक-2019 को पारित किया गया। इससे अब ट्रस्ट के अस्पतालों में होने वाले मरीजों के ऑपरेशन की सूची में ऑखों के ऑपरेशन का भी समावेश हो गया है। अभी तक यहां ऑखों के ऑपरेशन की सुविधा नहीं थी। गृह राज्य मंत्री रणजीत पाटील ने बताया कि संशोधन विधेयक की मंजूरी से ट्रस्ट के अस्पतालों में ऑखों के ऑपरेशन के लिए अब निर्धन और दुर्बल घटकों के लिए 10-10 प्रतिशत बेड आरक्षित हो सकेंगे। महाराष्ट्र में  सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के तहत ट्रस्ट के अस्पतालों में निर्धन समूहों के लिए 10 और दुर्बल घटकों के लिए 10 प्रतिशत बेड आरक्षित रखा जाता है। अस्पतालों की कुल आय का 2 प्रतिशत राशि गरीब मरीजों के इलाज पर खर्च की जाती है। दूसरी ओर विधान परिषद में मेडिकल के पीजी पाठ्यक्रमों में मराठा समाज के विद्यार्थियों को 16 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने संबंधित आरक्षण संशोधन विधेयक को भी मंजूरी मिल गई। इस बीच विधान परिषद में सरकार ने पुणे के डी वाई पाटील विश्विविद्यालय विधेयक और मुंबई के सोमैया विश्विद्यालय विधेयक को मंजूर करा लिया। 

सभी टीबी मरीजों के बैंक खाते में जमा किए जाएंगे पैसे

इसके अलावा महाराष्ट्र में 2 लाख 26 हजार क्षयरोगी (टीबी) हैं। इनमें से केवल एक लाख 26 हजार रोगियों को पोषण आहार के लिए पैसे मिलने का बात सामने आई है। अब हर टीबी रोगी के बैंक खाते में पैसे जमा किए जाएंगे। क्षय रोग को समाप्त करने के लिए राज्यभर में जनजागरण कार्यक्रम शुरु होंगे। शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में यह जानकारी दी।
प्रश्नकाल में भाजपा के मिलिंद माने, अतुल भातखलकर, शिवसेना के मंगेश कुडालकर आदि सदस्यों ने सवाल पूछा था कि राज्य में टीबी मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इस मामले में सरकार क्या कर रही है। जवाब में स्वास्थ्य मंत्री शिंदे ने कहा कि सरकार टीबी को लेकर लोगों को लगातार जागरुक करती रहती है। टीबी मरीजों का पता चलते ही उनको पोषण आहार की व्यवस्था के लिए उनके बैंक खाते में पैसे भेज दिए जाते हैं। इस पर भाजपा के अतुल भातखलकर ने कहा कि राज्यभर में 2 लाख 26 हजार मरीजों का पंजीकरण टीबी रोगी के तौर पर किया गया है। लेकिन सरकार पोषण आहार के लिए केवल 1 लाख 26 हजार मरीजों के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करती है। मुंबई के 52 हजार टीबी मरीजों में से केवल 18 हजार को पैसे मिलते हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीबी मरीज का इलाज करने वाले अस्पतालों को भी सरकार मरीज के इलाज के लिए हर माह पैसे देती है। साथ ही टीबी मरीज का पता लगाने वाले को भी पैसे दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार डीबीटी द्वारा सभी मरीजों के खाते में सीधे पैसे भेज कर उनकी मदद करेगी। 


 

Created On :   21 Jun 2019 9:13 PM IST

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