जयपुर - विधानसभा में शोकाभिव्यक्ति
डिजिटल डेस्क, जयपुर। 31 अक्टूबर। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी ने शनिवार को विधानसभा में पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी सहित पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री , लोकसभा तथा राज्य विधानसभा के पूर्व सदस्यों के निधन पर तथा 16 सितम्बर 2020 को कोटा जिले के खातौली क्षेत्र स्थित गोठडा गांव के पास चंबल नदी में नाव पलटने से हुई हृदय विदारक दुर्घटना के मृतकों के प्रति संवदेना व्यक्त करते हुये श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने और उनके परिजनों को बिछोह सहन करने के लिए शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी ने शोक प्रस्ताव रखते हुए बताया कि भारत रत्न एवं पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर, 1935 को पश्चिमी बंगाल के बीरभूम जिले के मिराती ग्राम में हुआ। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से इतिहास एवं राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर तथा विधि में स्नातक उपाधि प्राप्त की। श्री प्रणब मुखर्जी पाँच बार राज्य सभा तथा दो बार लोकसभा के सांसद रहे। श्री मुखर्जी जून 2004 से जून 2012 तक लोकसभा में भी सदन के नेता रहें। राजनीतिक विषयों में प्रवीण श्री मुखर्जी 25 जुलाई, 2012 को भारत के 13वें राष्ट्रपति बने। वे इस पद पर 25 जुलाई, 2017 तक आसीन रहे। उन्होंने बताया कि कुशल प्रशासक रहे श्री मुखर्जी भारत सरकार में उप मंत्री, राज्य मंत्री तथा कैबिनेट मंत्री रहे। श्री मुखर्जी जून, 1991 से मई, 1996 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे। उन्होंने केन्द्र और राज्यों के बीच संसाधनों के बंटवारे का संशोधित गाडगिल - मुखर्जी फार्मूला भी तैयार किया। डॉ. जोशी ने बताया कि व्यापक राजनयिक अनुभव के धनी श्री मुखर्जी अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक तथा अफ्रीकी विकास बैंक के संचालक मंडलों में रहे। उन्होंने अनेक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलनों एवं सेमिनार्स में भारतीय शिष्टमण्डल का नेतृत्व किया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है कि इस सदन के सदस्यों ने भी एक अगस्त, 2019 को इसी सभागार में आयोजित सेमिनार में उनके अनुभवों का लाभ लिया है। विलक्षण अध्यवसायी रहे श्री मुखर्जी की भारतीय अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण पर ‘‘बियोंड सर्वाइवल ः एमर्जिंग डाइमेंशन्स ऑफ इण्डियन इकोनोमी‘‘, ‘‘चैलेंजेस बिफोर द नेशन‘‘, ‘‘थॉट्स एंड रिफ्लैक्शन्स‘‘ एवं ‘‘द टबुलैण्ट ईयर्स ः 1980-1996‘‘ जैसी कई पुस्तकें प्रकाशित हुई। श्री प्रणब मुखर्जी का दिनांक 31 अगस्त, 2020 को निधन हो गया। डॉ.जोशी ने नागालैण्ड तथा मणिपुर के पूर्व राज्यपाल डॉ. अश्विनी कुमार के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्री कुमार का जन्म 15 नवम्बर, 1950 को हिमाचल प्रदेश के नाहन में हुआ। उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत एम.बी.ए. तथा पीएच.डी. की उपाधियां प्राप्त की। डॉ. अश्विनी कुमार वर्ष 1973 में भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए तथा विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दीं। एसपीजी में अपनी सेवाएं देने वाले डॉ. अश्विनी कुमार हिमाचल प्रदेश के पुलिस महा निदेशक तथा सीबीआई के निदेशक भी रहे। उत्कृष्ट सराहनीय सेवाओं के लिए उनको वर्ष 1989 में भारतीय पुलिस पदक तथा वर्ष 1909 में राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। डॉ. अश्विनी कुमार का 7 अक्टूबर, 2020 को निधन हो गया। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि गुजरात के पूर्व मुख्य मंत्री श्री केशुभाई पटेल का जन्म 28 फरवरी, 1928 को राजकोट में हुआ। श्री केशुभाई पटेल लगभग तीन दशकों तक गुजरात विधान सभा के सदस्य रहे। वे गुजरात विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। श्री पटेल मार्च, 1995 से अक्टूबर, 1995 तथा मार्च, 1998 से अक्टूबर, 2001 तक दो बार गुजरात के मुख्य मंत्री रहे। श्री पटेल छठी लोक सभा के लिए हुए चुनाव में राजकोट निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए। दीर्घ संसदीय अनुभव वाले श्री पटेल वर्ष 2002 से 2008 तक राज्य सभा के सदस्य भी रहे। श्री केशुभाई पटेल का 29 अक्टूबर, 2020 को निधन हो गया। डॉ. जोशी ने बताया कि असम की पूर्व मुख्य मंत्री श्रीमती सैयदा अनवरा तैमूर का जन्म 24 नवम्बर, 1936 को असम के जोरहट में हुआ। श्रीमती सैयदा अनवरा तैमूर चार बार असम विधान सभा की सदस्य रहीं। श्रीमती तैमूर महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रयासरत रहीं। श्रीमती तैमूर ने कई महिला सहकारी समितियों एवं स्टोर्स की स्थापना कर उनके लिए डेयरी, मुर्गीपालन एवं उद्यानिकी इत्यादि के प्रशिक्षण की व्यवस्था की। श्रीमती सैयदा अनवरा तैमूर का 28 सितम्बर, 2020 को निधन हो गया।
Created On :   31 Oct 2020 3:31 PM IST