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खरीदी केंद्रों में किसानों का शोषण, निगरानी में खानापूर्ति

डिजिटल डेस्क,शहडोल। धान उपार्जन में जिस प्रकार से लापरवाही की जा रही है उससे इस वर्ष भी प्रशासन को शार्टेज की समस्या से जूझना पड़ सकता है। खरीदी केद्रों में समितियों द्वारा बोरियों में 40 किलो के स्थान पर 41 किलो 2-3सौ ग्राम तक धान भराई जा रही है। जबकि किसानों को भुगतान बोरी के मान से यानि प्रति बोरी 40 किलो के हिसाब से ही भुगतान होना है। सोहागपुर, बुढ़ार, जयसिंहनगर तथा ब्यौहारी क्षेत्र के अनेक केंद्रों में ऐसी स्थिति देखने में आ रही है, जहां अधिक मात्रा में तौल कराई जा रही है।
ऐसा कराने के पीछे समितियों का दावा होता है कि शार्टेज न आने पाए इसलिए अधिक तौल में ले रहे हैं। लेकिन किसानों का कहना है कि ऐसे में उनका ही नुकसान होगा। इसके अलावा कई केंद्रों मेें छोटी बोरियां भी समस्या बन रही है। बोरियों में 40 किलो भराई के बाद सिलाई के पहले निकाल लिया जा रहा है, जिससे भी किसानों को नुकसान होगा। क्योंकि गोदाम में जमा होने के बाद ही भुगतान होना है और जमा होने वाली बोरियों में 40 किलो सेे कम धान पहुंच रही है। समितियों की मनमानी पर अंकुश लगाने प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी कोरम पूर्ति ही साबित हो रही है। नान प्रबंधक का कहना है कि तय मात्रा में ही तौल करानी है। गड़बड़ी मिली तो समितियां जिम्मेदार होंगी।
Created On :   15 Dec 2022 5:06 PM IST