सांसद-विधायक का नेतृत्व भी भाजपा को नहीं दिला पाया सत्ता

Even the leadership of MP-MLA could not give power to BJP
सांसद-विधायक का नेतृत्व भी भाजपा को नहीं दिला पाया सत्ता
भंडारा सांसद-विधायक का नेतृत्व भी भाजपा को नहीं दिला पाया सत्ता

डिजिटल डेस्क,  भंडारा। जिला परिषद में कांग्रेस द्वारा भाजपा के पांच सदस्यों के साथ मिलकर सत्ता स्थापित करने के दूसरे दिन भी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहा। भाजपा के निष्कासित नेता वाघमारे ने पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, विधायक परिणय फुके तथा सांसद सुनील मेंढे पर कई तरह के आरोप लगाए। वाघमारे ने सांसद मेंढे की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए सदस्यों के अपहरण का केस दर्ज करने पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। जिले में भाजपा का सांसद, विधान परिषद के विधायक का पद होकर भी वह जिप में सत्ता बनाने से वंचित रह गई। इससे भाजपा के नेतृत्व पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर जिले में जिस तरह वाघमारे की भूमिका से भाजपा को नुकसान सहन करना पड़ रहा है उसी तरह कांग्रेस के कुछ जिला पदाधिकारी जिप अध्यक्ष गंगाधर जिभकाटे को मौका देने से नाराज चल रहे हैं। इसे लेकर कुछ कार्यकर्ताओं ने पूर्व राज्यमंत्री बंडू सावरबांधे के विरोध में प्रदर्शन भी किया। 
बता दें कि जिला परिषद के चुनावों के परिणामों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने से सत्ता स्थापित करने पहली बार नए समीकरण बने। भाजपा के वाघमारे के गुट वाले पांच सदस्यों ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया। निष्कासन के बाद वाघमारे ने पार्टी के निर्णय का स्वागत करते हुए इसके पहले किसने किस तरह से पार्टी के विरोध में जाकर कार्य किए पर फिर भी उन पर कार्रवाई नहीं हुई इसके कई उदाहरण दिए। वाघमारे के अनुसार मोहाडी नगर पंचायत में भाजपा के तीन नगरसेवकों को पार्टी के ही किसी नेता के कहने पर राष्ट्रवादी में भेजा था। तब भी किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। जिले में सांसद भाजपा का है। विधान परिषद सदस्य भी भाजपा का ही है। इसके बाद भी गुटबाजी में उलझी भाजपा को जिप चुनावों में अपने विरोधी पार्टी राकांपा को समर्थन देने पर भी सत्ता में स्थान नहीं मिला। जिले के सांसद मेंढे के नेतृत्व पर भरोसा न होने से पार्टी द्वारा पूर्व ऊर्जामंत्री बावनकुले को भंडारा की जिम्मेदारी दी गई है। वह गुटों को बिखर गई भाजपा को एकजुट करने की तैयारी कर चुके है। किन्तु नए गठबंधन से कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी नाराज होने की बात सामने आई है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहन पंचभाई ने जिप सत्ता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूर्व विधायक वाघमारे से उन्होंने चर्चा कर पंचायत समिति में एक सदस्य के समर्थन पर जिप सत्ता बनाने की सफल चर्चा की। यही नहीं जिले में कमजोर पड़ी कांग्रेस में पंचभाई ने आंदोलनों, बैठकों विविध आयोजनों ने जान फूंकने का काम किया। पंचभाई को जिप अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही थी। इस बीच उनके हिस्से की सीट कांग्रेस ने गंगाधर जिभकाटे को दे दी। इससे कांग्रेस के कुछ लोग नाराज चल रहे हैं हालांकि विषय समिति के चुनाव अभी बाकी हैं। आगे कांग्रेस पदाधिकारियों की नाराजगी शांत हो सकती है लेकिन जिलास्तर के कमजोर नेतृत्व के चलते प्रत्येक स्तर पर बट चुकी भाजपा को संभालने में लंबा समय लगने की संभावना नजर आ रही है। 

Created On :   12 May 2022 5:14 PM IST

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