तीन अफसरों के दौरे के बाद भी बस स्टैंड की दूर नहीं हुई बदहाली

Even after the visit of three officers, the plight of the bus stand did not go away
तीन अफसरों के दौरे के बाद भी बस स्टैंड की दूर नहीं हुई बदहाली
नगर निगम ने हवा में उड़ाए एडीएम के निर्देश तीन अफसरों के दौरे के बाद भी बस स्टैंड की दूर नहीं हुई बदहाली

डिजिटल डेस्क,कटनी। जिला मुख्यालय के बस स्टैण्ड की बदहाली तीन-तीन अफसर दौरे के एक माह बाद भी दूर नहीं कर सके। प्रतिक्षालय से लेकर परिसर में जगह-जगह गंदगी व्याप्त है तो कुर्सियां भी नहीं सुधर सकी है। आलम यह है कि सीलिंग में लगे हुए पंखे शो-पीस ही बने हुए हैं। एक माह पहले बस स्टैण्ड में पार्किंग शुल्क वसूलने की तैयारी के बीच विरोध के स्वर तेज होने पर एडीएम, एसडीएम और निगमायुक्त कर्मचारियों के साथ पहुंचे थे। यहां पर अफसरों ने ही पाया था कि पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण यात्रियों को कई तरह की परेशानी होती है। एक माह गुजरने के बाद भी यहां पर अव्यस्थाएं व्याप्त हैं। यहां तक की इस बस स्टैण्ड से रोजाना 10 हजार यात्रियों का आवागमन होता है। इसके बावजूद उनके लिए यहां पर न तो पीने के लिए पर्याप्त पानी है और न ही अन्य इंतजाम है। जिसके चलते 200 बसों से आवागमन करने वाले लोग फजीहतों के बीच ही यहां से गंतव्य स्थान के लिए रवाना होते हैं।

एडीएम ने निगम को सुधार के दिए थे निर्देश-

मौके पर यात्रियों और बस एसोसिएशन के सदस्यों की शिकायत पर एडीएम रोमोनुस टोप्पो ने यह आश्वासन दिया था कि नगर निगम को यह कहा गया है कि यहां पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करें। लेकिन मुख्यालय में ही एडीएम के निर्देश का पालन नगर निगम का अमला नहीं कर सका। आलम यह है कि पानी निकासी नहीं होने से बस स्टैण्ड में कई जगहों पर पानी भरा हुआ है। दो वर्ष पहले बस स्टैण्ड में फर्शीकरण और नाली बनाए जाने के नाम पर नगर निगम ने करीब 20 लाख रुपए की राशि खर्च की थी।

कुर्सियों की टूट गई पाया, प्लेटफार्म भी बदहाल, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान यहां पर 12 यात्रियों के बैठने के लिए स्टील की कुर्सियां लगाई गई थी। वर्तमान समय में कुर्सियों की पाया टूटी हुई है। कुछ कुर्सियों के नीचे तो पत्थर भी लगा दिए गए हैं। जिसके चलते थके हुए यात्रियों को ये कुर्सियां आराम नहीं दे पा रही है। यात्रियों के बैठने के लिए जरुर प्लेटफार्म बनाया गया है। उन प्लेटफार्म के आसपास दुकानदारों का ही कब्जा रहता है। जिसके चलते सामान्य यात्री की जगह पर वही यात्री उन प्लेटफार्म में बैठ पाता है, जो यात्री के साथ ग्राहक होते हैं।

वाटर कूलर से एक-एक बूंद निकलता है पानी-

पेयजल व्यवस्था के नाम पर यहां पर एक वॉटर कूलर लगा हुआ है। जिसमें पानी की पतली धार इस कदर से है कि पांच सौ मिलीलीटर के बॉटल को भरने में ही यात्रियों की फजीहत होती है। आसपास गंदगी होने से भी यात्री यहां से पानी लेने के हिचकिचाते हैं। इस वॉटर कूलर में दो नल की टोटियां हैं। इसी तरह के हालात सीलिंग फैन के भी है। आठ से दस पंखे जरुर लगे हैं, लेकिन उनमें से हवा नहीं निकल रही है। एक तरफ बारिश नहीं होने से दिन का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के इर्द-गिर्द मंडरा रहा है तो दूसरी तरफ पंखा बंद होने से यात्री हाथों में रखें तौलिये से ही हवा लेते हुए गर्मी को दूर भगाने का प्रयास करते हैं।

इनका कहना है

निरीक्षण के समय बस स्टैण्ड में कई तरह की कमियां मिली थी। जिन्हें मौके पर ही दूर करने के निर्देश नगर निगम को दिए गए थे। इसके बावजूद यदि फिर से गंदगी, बैठक या फिर पेयजल की समस्या निर्मित है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
(रोमोनुस टोप्पो, एडीएम)
 

Created On :   27 Jun 2022 2:56 PM IST

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