इंजीनियरिंग छात्र नीरज, अब घर बैठे कमा रहे 40 हजार महीना।

Engineering student Neeraj, now earning 40 thousand months sitting at home.
इंजीनियरिंग छात्र नीरज, अब घर बैठे कमा रहे 40 हजार महीना।
नौकरी छोड़ मधुमक्खी पालन को अपनाया इंजीनियरिंग छात्र नीरज, अब घर बैठे कमा रहे 40 हजार महीना।

डिजिटल डेस्क, रीवा। इंजीनियरिंग कर चुके नीरज को जब नौकरी रास नहीं आई तो उसने मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया। समय भी कोरोना लॉकडाउन का था। सिर्फ कृषि से जुड़े ऐसे काम ही बचे थे, जो घर में स्वयं किये जा सकते थे। लिहाजा नीरज ने घर में ही मधुमक्खी पालन कर शहद का काम शुरू किया और आज वह 40 हजार रुपये महीना कमा रहा है। नीरज उन लोगों के लिये प्रेरणा है, जो पढ़ाई के बाद सिर्फ नौकरी को ही तवज्जो देते हैं। त्योंथर तहसील के कटरा गांव निवासी वीरेन्द्र सोनी के पुत्र नीरज 24 वर्ष ने वर्ष 2018 में भोपाल से कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग के बाद एक-दो जगह नौकरी मिली। लेकिन वेतन से संतुष्ट नहीं हुआ। नीरज 2019 के अंत में घर आ गया। घर में इतनी जमीन भी नहीं थी, कि खेती की जा सके। वह कुछ और व्यवसाय या फिर नौकरी के बारे में सोचता तभी लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन में ही उसने व्यवसाय को लेकर कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ.अखिलेश कुमार से सम्पर्क किया, जिन्होंने नीरज को मधुमक्खी पालन की सलाह दे इसकी प्रक्रिया भी बताई। लॉकडाउन में यह काम घर में किया जा सकता था। जिसमें वह मधुमक्खी पालन के लिये तैयार हो गया

दस बाक्स से शुरू किया काम-

लॉकडाउन में जब थोड़ी ढील मिली तो नीरज ने दस बाक्स की व्यवस्था कर उसमें मधुमक्खी पालन शुरू किया। इसके बाद उत्तरप्रदेश से भी यूरोपियन प्रजाति की मधुमक्खी मंगाई। आज वह 70 बाक्स में मधुमक्खी पालन कर उसका शहद निकाल रहा है। भविष्य में उसकी योजना सौ बाक्स से ज्यादा मधुमक्खी पालन की है।

एक बाक्स में 60 किलो तक शहद-

नीरज की मानें तो एक सीजन में एक बाक्स में 60 किलो तक शहद निकलता है। हालांकि सभी बाक्स में इतना शहद नहीं आता। उसके पास अभी जितने बाक्स हैं, उसमें वह साल भर में चार से साढ़े चार टन शहद एकत्र करता है।

शहद से जुड़े उत्पाद से भी आय-

शहद के अलावा वह इससे जुड़े उत्पाद पर भी काम कर रहा है। शहद के अतिरिक्त वह प्रापलिस, मोम, पराग, रायलजेली और मधुमक्खी के डंग का उपयोग भी व्यवसाय के रूप में कर रहा है। इनका उपयोग प्रोटीन के अलावा इंजेक्शन बनाने, टिंचर, साबुन, मोमबत्ती, क्रीम सहित अन्य सामान बनाने में होता है।
 

Created On :   18 April 2022 5:06 PM IST

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