38.68 करोड़ के स्पोर्ट्स काम्पलेक्स के निर्माण में आड़े आए अतिक्रमणकारी

Encroachers came in the way of construction of sports complex worth 38.68 crores
38.68 करोड़ के स्पोर्ट्स काम्पलेक्स के निर्माण में आड़े आए अतिक्रमणकारी
सतना 38.68 करोड़ के स्पोर्ट्स काम्पलेक्स के निर्माण में आड़े आए अतिक्रमणकारी

डिजिटल डेस्क  सतना। स्मार्ट सिटी के एबीडी (एरिया बेस्ड डेवलपमेंट) में ३८.६८ करोड़ की लागत से प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्तर के मल्टी स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य वर्क ऑर्डर के ५  माह बाद भी शुरु नहीं हो पाया है। जानकारों ने बताया कि उतैली स्थित साढ़े ६ एकड़ जिस शासकीय भूमि पर इनडोर एंड आउट डोर स्टेडियम बनाया जाना है, उसके ढाई एकड़ अंशभाग पर अवैध अतिक्रमण है। हद इस बात की है कि इन बेजा कब्जों को स्मार्ट सिटी के सूरमा अभी तक बेदखल नहीं कर पाए हैं। मौके पर ५८ कच्ची झोपड़ी और एक-एक कमरों के ३ पक्के मकान हैं। अतिक्रमण नहीं हटाए जाने के कारण प्रस्तावित मल्टी स्पोर्टस कॉम्पलेक्स पर प्रगति शून्य है। जबकि  ड्राइंग-डिजायन भी पहले ही एप्रूव हो चुकी है। उल्लेखनीय है, कार्य में विलंब के चलते पिछले साल नवंबर में स्वयं सांसद गणेश सिंह ने स्थल निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। 
कम की जमीन तो पूरे नहीं होंगे नाम्र्स :— 
जानकारों ने बताया कि स्मार्ट सिटी क्षेत्र में नेक्टर झील के पास प्रस्तावित २ मंजिला आउट डोर-इन डोर मल्टी स्पोर्टस कॉम्पलेक्स के लिए साढ़े ६ एकड़ भूमि इसलिए आवंटित की गई है ताकि अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम निर्मित किया जा सके। अगर आवंटित भूमि से कम जमीन पर स्पोर्ट काम्पलेक्स बनाया गया तो वह महज एक सामान्य स्टेडियम बन कर रह जाएगा। इन्हीं तकनीकी जानकारों का यह भी कहना है कि अगर, स्पोर्टस काम्प्लेक्स साढ़े ६ एकड़ भूमि पर निर्मित कराया गया तो फायर एंड सेफ्टी के नाम्र्स भी पूरे नहीं होंगे। ऐसे में एनओसी नहीं मिलेगी। 
 मौके पर जीरो प्रोग्रेस, कागजों में ५ फीसदी :——
एबीडी में विकास कार्यों के मामले में स्मार्ट सिटी की कंसल्टेंसी जहां महज रंग बिरंगे विजुअल दिखाने में उस्ताद है, वहीं कागजी आंकड़ों की बाजीगरी का खेल भी जमकर चल रहा है। मिसाल के तौर पर ३८ करोड़ ६८ लाख २२ हजार की लागत से प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्पोर्टस काम्पलेक्स की मौके पर प्रगति जहां शून्य है, वहीं कागजों पर प्रगति ५ फीसदी दर्ज हो चुकी है। उल्लेखनीय है, इस निर्माण कार्य के लिए वर्क आर्डर पिछले साल ७ सितंबर को हुआ था। टाइम लिमिट १८ माह के मान से ७ सितंबर २०२३ है। अतिक्रमणकारियों से भूमि मुक्त नहीं कराने की अलाली के कारण लगभग ५ माह बेकार जा चुके हैं। प्रस्तावित स्थल से कुछ फासले पर २ कमरों को प्रायमरी स्कूल भी है,लेकिन इसे स्मार्ट स्कूल का स्वरुप देने में किसी की रुचि नहीं है। 

Created On :   5 Feb 2022 5:35 PM IST

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