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सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी के कर्मचारी ने कोर्ट में दायर की याचिका, टीके की दोनों खुराक न लेने पर भेजा अवैतनिक छुट्टी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोविडरोधी टीका न लेने के चलते अवैतनिक छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर पुणे की सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी की ओर से भेजे गए पत्र के खिलाफ एक कर्मचारी ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कर्मचारी ने दावा किया है कि युनिवर्सिटी ने उसे ईमेल भेजकर कहा है कि जब तक वह कोविडरोधी दोनों टीके नहीं ले लेता है और इसका प्रमाण नहीं दिखाता है। तब तक वह अवैतनिक छुट्टी पर रहे। यह ईमेल सभी ऐसे कर्मचारियों को भेजा गया है जिन्होंने कोविडरोधी टीके की दोनों खुराक नहीं ली है। सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी में सुरवाइजर के तौर पर कार्यरत सुब्रत मजूमदार ने कोर्ट में इस विषय को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है। सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी में 15 सालों से कार्यरत मजूमदार ने कहा है कि उन्होंने मेडिकल परेशानी के चलते काम से कभी छुट्टी नहीं ली। मजूमदार ने कहा है कि वे कभी एलोपैथी दवाई नहीं लेते है। हमेशा तकलीफ होने पर होमियोपैथी दवाओं का सेवन करते हैं।
याचिका में मांग की गई है कि सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी की ओर से उन्हें भेजे गए ईमेल को असंवैधानिक व अवैधघोषित किया जाए। क्योंकि यह केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति के खिलाफ है। केंद्रसरकार ने कोविड के टीके को ऐच्छिक किया है। याचिका में मजूमदार ने कहा है कि उन्हें मई 2021 को युनिवर्सिटी की ओर से एक ईमेल भेजा गया था।जिसमें उन्हें कोविड 19 से जुड़े नियमों का पालन करने व उनके कोविड का टीका लेने से जुड़े स्टेटस की जानकारी मांगी गई थी। लेकिन मैंने(याचिका) ईमेल के जवाब में सेहत का हवाला देकर कोविडरोधी टीका लेने में असमर्थता जाहिर की थी। इस बीच सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी ने फिर ईमेल भेजा जिसमें उन्हें तत्काल अवैतनिक छुट्टी पर जाने को कहा गया। और जब तक कोविडरोधी टीके की दोनों खुराक नहीं ले ली जाती है तब तक अवैतनिक छुट्टी जारी रहेगी। इस तरह का ईमेल अन्य कर्मचारियों को भी भेजा गया है। याचिका में मजूमदार ने कहा है कि भले ही मैंने कोविड का टीका नहीं लिया लेकिन मैं और मेरा परिवार अब तक कोरोना के संक्रमण का शिकार नहीं हुआ है। यूनिवर्सिटी की ओर से भेजा गया ईमेल केंद्र सरकार की टीकाकरण की नीति के खिलाफ है। जिसके तहत केंद्र सरकार ने टीकाकरण को स्वेच्छिक किया है। शुक्रवार को इस याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है।
Created On :   12 May 2022 7:49 PM IST