विधानसभा चुनाव : अब प्रचार सामग्री पर भी रहेगी चुनाव आयोग की नजर

Election commission will also keep an eye on publicity material
विधानसभा चुनाव : अब प्रचार सामग्री पर भी रहेगी चुनाव आयोग की नजर
विधानसभा चुनाव : अब प्रचार सामग्री पर भी रहेगी चुनाव आयोग की नजर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी अश्विन मुद्गल ने कहा कि विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जिले के सभी राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवारों द्वारा प्रचार के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले सोशल मीडिया सहित सभी प्रकार के प्रचार साहित्य छपाई से पहले माध्यम प्रमाणीकरण व सनियंत्रण समिति से प्रमाणित कराना होगा। इसके लिए 12 विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 12 जगहों पर एक खिड़की योजना शुरू की गई है। वहां नायब तहसीलदार के पास इसे पेश करना होगा। 

जिलाधिकारी कार्यालय में माध्यम प्रमाणीकरण व सनियंत्रण समिति जिलाधिकाकरी अश्विन मुद्गल की अध्यक्षता में गठित की गई। इस अवसर पर वे बोल रहे थे। इस अवसर पर अतिरिक्त जिलाधिकारी श्रीकांत फडके, उपजिला चुनाव अधिकारी राजलक्ष्मी शहा, निवासी उपजिलाधिकारी रवींद्र खजांजी, समिति सदस्य सचिव जिला माहिती अधिकारी (विशेष कार्य) अनिल गडेकर, सदस्य गजानन जानभोर, महेश माखेजा, मोईज हक, आनंद अंबेकर, गौरी मराठे, शैलजा वाघ, अतुल भुसारी, धनंजय वानखडे आदि उपस्थित थे। 

जिलाधिकारी मुद्गल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद विविध राजनीतिक दल, उम्मीदवार द्वारा प्रचार साहित्य की छपाई बड़े पैमाने पर कराई जाती है। प्रचार साहित्य छपाई से पहले माध्यम नियंत्रण व प्रमाणिकर समिति द्वारा प्रमाणपत्र लेना आवश्यक है। छपाई संदर्भ में प्रकाशन सामग्री की जांच-पड़ताल करना समिति द्वारा आवश्यक है। इसके बाद ही प्रचार साहित्य की छपाई करें। इस बाबत छपाई की गई प्रति की जानकारी मुद्रणालय के व्यवस्थापक द्वारा जिला नोडल अधिकारी आचार संहिता कक्ष, जिलाधिकारी कार्यालय, नागपुर सहित माध्यम नियंत्रण कक्ष जिलाधिकारी कार्यालय स्थित कक्ष को देनी होगी। 

पेड न्यूज पर सतर्कता से काम

जिलाधिकारी ने माध्यम प्रमाणीकरण व सनियंत्रण समिति को चुनाव प्रक्रिया के दौरान पेड न्यूज संदर्भ में सतर्कता से काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि चुनाव में सोशल मीडिया का प्रभाव बड़े पैमाने पर रहेगा। जिस कारण पारंपरिक पद्धति से होने वाले इलेक्ट्रानिक माध्यम पर प्रचार, विज्ञापनों पर नियंत्रण के साथ चुनाव में सोशल मीडिया के विज्ञापन का प्रमाणीकरण भी एमसीएमसी को करना होगा। मतदान के दिन और उसके एक दिन पहले, समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों के प्रमाणीकरण भी एमसीएमसी को करना होगा। किसी खबर की पेड न्यूज होने की पुष्टि होने पर उम्मीदवार के खर्च में पेड न्यूज का खर्च शामिल करना और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियमानुसार अपराध दाखिल करने की कार्रवाई कर सकते हैं। सोशल मीडिया से कोई व्यक्ति दुष्प्रचार, गुमराह करता पाया गया तो उसके खिलाफ भारतीय दंडविधान, साइबर अपराध विषयक धारा अंतर्गत मामला दाखिल करने की सूचना भी जिलाधिकारी ने दी।
 


 

Created On :   24 Sept 2019 1:33 PM IST

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