Earthquake: मिजोरम में फिर भूकंप के झटके, तीव्रता 4.1, एक हफ्ते में 5वीं बार हिली धरती
डिजिटल डेस्क, आईजोल। कोरोना संकट के बीच मिजोरम में भूकंप का दौर भी जारी है। राज्य की अलग-अलग जगहों पर बीते गुरुवार से रुक-रुक कर भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। आज बुधवार (24 जून) सुबह करीब आठ बजे फिर से मिजोरम के चंफाई में भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.1 मापी गई। यह एक हफ्ते के भीतर पांचवा झटका था।
An earthquake of magnitude 4.1 on the Richter scale struck 31 km South South-West (SSW) of Champhai, Mizoram at 08:02 am today: National Center for Seismology (NCS) pic.twitter.com/OggEydyssE
— ANI (@ANI) June 24, 2020
एक दिन पहले ही यानी मंगलवार को मिजोरम में भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.7 मापी गई। हालांकि इस दौरान किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। भूकंप मंगलवार की देर शाम 7.17 बजे दक्षिण मिजोरम में म्यांमार से सटे जिले लुंगलेई में आया। हालांकि यह कुछ सेकेंड में ही समाप्त हो गया और यह पृथ्वी की 25 किलोमीटर की गहराई में स्थित था।
सोमवार को भूकंप से इमारते हो गई थीं क्षतिग्रस्त
वहीं सोमवार सुबह मिजोरम के चंफाई में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र चंफाई जिले में जमीन से 20 किलोमीटर नीचे रहा। जिसकी वजह से कई मकानों और इमारतों को नुकसान हुआ है, वहीं सड़कों पर भी दरारें पड़ गईं। इमारतों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों सहित 31 ढाचे क्षतिग्रस्त हो गए थे। गनीमत की बात यह थी कि, कोई जनहानि नहीं हुई। इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से फोन पर बात की थी और भूकंप के बाद हालात की जानकारी लेने के साथ ही पीएम ने उन्हें केंद्र की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया था।
इससे पहले रविवार को भी मिजोरम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं गुरुवार रात पांच तीव्रता का भूकंप राज्य में आया था। इसकी गहराई 80 किलोमीटर थी। भूकंप विज्ञानी भारत के पहाड़ी पूर्वोत्तर क्षेत्र को दुनिया में 6वीं प्रमुख भूकंप संभावित पट्टी मानते हैं। पूर्वोत्तर में इतिहास के कुछ सबसे बड़े भूकंप आए हैं। साल 1897 में 8.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र शिलांग था, जबकि 1950 में असम में रिक्टर पैमाने पर 8.7 तीव्रता का भूकंप आया था।
Created On :   24 Jun 2020 9:05 AM IST