नई परिषद के गठन के बाद भी सुचारु व्यवस्था चालू नहीं होने से शहरवासियों की हो रही फजीहत

Due to non-operation of smooth system, the troubles of the city dwellers
नई परिषद के गठन के बाद भी सुचारु व्यवस्था चालू नहीं होने से शहरवासियों की हो रही फजीहत
माननीय के कक्षों की बढ़ी रौनक नई परिषद के गठन के बाद भी सुचारु व्यवस्था चालू नहीं होने से शहरवासियों की हो रही फजीहत

डिजिटल डेस्क,कटनी। नई परिषद के गठन के बाद भी नगर निगम में सुचारु काम-काज प्रारंभ नहीं हो सका है। जिसके चलते आम लोगों को कई तरह की परेशानी होती है। एक तरफ तो जनप्रतिनिधियों के कमरे को चकाचक बनाने के लिए करीब पांच लाख रुपए से अधिक खर्च किया जा रहा है। जिसमें कक्षों में काम-काज भी चालू है, लेकिन कई जगहों पर कम्प्यूटर बिगड़े हैं तो सर्वर की समस्या से समय पर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहे हैं। स्टोर रुम की इस तरह से खस्ताहाल है कि बाजार से एक-एक पैकेट पेपर लाकर काम चलाना पड़ रहा है। इसके बावजूद माननीय नगर निगम से मुंह फेरकर बैठे हुए हैं। परिवर्तन के नाम पर एक माह के अंतराल में सिर्फ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के चैम्बरों का ही बदलाव हुआ है। चैम्बर बदलने से लोगों को परेशानी भी हो रही है। जनप्रतिनिधियों के कक्षों से मामला जुड़ा होने के कारण अधिकारी और कर्मचारी भी इसमें कहने से बच रहे हैं।

सिर्फ चैम्बरों में बदलाव की लहर

अभी तक सिर्फ कमरों में ही बदलाव का दौर दिखाई दिया है। सबसे पहले महापौर के कक्ष को बदला गया। जिसके बाद कई शाखाएं एक से दूसरे कमरे में शिफ्ट हुई। जिस दो कमरों में पेयजल शाखा के अधिकारी और कर्मचारी बैठते थे। उसे महापौर कक्ष के लिए आवंटित कर दिया गया। जिसके बाद पेयजल शाखा को वैकल्पिक व्यवस्था के रुप में उस जगह पर शिफ्ट किया, जहां पर लोग टैक्स के लिए पहुंचते थे। टैक्स का काम अब उस कमरे में होता है, जहां पर सामाजिक न्याय विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बैठते थे। स्वास्थ्य विभाग को नए भवन में भेज दिया गया तो सामाजिक न्याय विभाग को पुराना कमरा आवंटित हुआ।

निर्वाचन के कमरे को बनाया पार्षद कक्ष

पहले जहां निर्वाचन के कमरे में नगर निगम अध्यक्ष कक्ष बनाने की तैयारी की जा रही थी। वहीं अध्यक्ष के चुनाव के बाद महापौर के पुराने कक्ष को अध्यक्ष के लिए आवंटित कर दिया गया। इससे जुड़ा हुआ एक कमरा और रहा। जिस पर भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारी बैठते थे। इस कमरे को भी खाली कराया गया और यहां पर बैठने वाले इंजीनियरों की कुर्सी उस कक्ष में लगा दी गई। जिस कमरे का साइज पहले से ही छोटा रहा। अब एक कमरें में ही प्रधानमंत्री आवास और भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारी बैठते हैं। वर्तमान समय में निर्वाचन के कमरे को पार्षद कक्ष में तब्दील कर दिया गया है।

पग-पग में परेशान हो रहे आम लोग

नगर सरकार बनाने के बाद भी 45 वार्डों में निवासरत आमजनों के हिस्सों में अभी परेशानी ही दिखाई दे रही है। आलम यह है कि कई कर्मचारी तो ऑफिस से नदारत रहकर परिसर में ही घूमते-फिरते हुए देखे जा सकते हैं। जिस कक्ष में कर्मचारी और अधिकारी बैठते भी हैं। वहां पर भी लोगों  को तरह-तरह की परेशानी हो रही है। जन्म-मृत्यु शाखा में वैकल्पिक रुप से लैपटॉप से काम चलाया जा रहा है। यहां का आधार पंजीयन सेंटर भी कई दिनों से बंद है। जिसकी पूछ-परख नगर निगम के अधिकारी नहीं ले रहे हैं। जिसके चलते यहां से लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
 

Created On :   1 Sept 2022 6:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story