एक्सपायर्ड दवा वापसी को लेकर बना असमंजस, छोटे व्यापारियों पर दोहरी मार

Drug businessman Confuseed about the expired drug return
एक्सपायर्ड दवा वापसी को लेकर बना असमंजस, छोटे व्यापारियों पर दोहरी मार
एक्सपायर्ड दवा वापसी को लेकर बना असमंजस, छोटे व्यापारियों पर दोहरी मार

डिजिटल डेस्क  नरसिंहपुर । एक्सपायर्ड दवा वापसी को लेकर बनी स्थिति से दवा व्यापारी असमंजस में है। दुकानदारों के मुताबिक जीएसटी की आड़ में थोक कारोबारियों ने वापस होने वाली दवाओं पर कमीशन पहले ही बढ़ा दिया था। वहीं थोक दवा व्यवसायियों का कहना है कि व्यवसाय की वर्तमान स्थिति के अनुसार ही एक्सपायर दवा वापस लेंगे, जिससे छोटे व्यवसायी दोहरी मार होने की बात कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी के पूर्व वेट टैक्स केवल खरीद एवं विक्रय की स्थिति में लगता था। वर्तमान में वापसी पर भी  12 से 28 फीसदी तक अलग-अलग स्थिति के करों के चलते परेशानी बनी है। हालांकि एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि उच्च स्तर पर एसोसिएशन द्वारा शासन से चर्चा कर इसका समाधान किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जीएसटी के बाद से यह है स्थिति
रिटेल दवा कारोबारियों के मुताबिक 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के ठीक बाद से ही थोक दवा कारोबारियों ने एक्सपायर्ड दवाओं की वापसी पर ना-नुकुर शुरू कर दी थी। नियम स्पष्ट नहीं होने की बात कहकर जुलाई और अगस्त में एक्सपायर्ड दवाएं वापस नहीं हुई। दुकानदारों के मुताबिक सितंबर में ऐसी दवाओं को वापस लेना फिर शुरू किया गया लेकिन थोक कारोबारियों ने उस पर कमीशन बढ़ा दिया।
10 फीसदी तक का बढ़ा अंतर
सितंबर के बाद से एक्सपायर्ड दवा वापस लेने पर थोक कारोबारी 45 प्रतिशत तक कमीशन ले रहे हैं यानी कोई एक्सपायर्ड दवा वापस की जाती है तो उसकी एमआरपी से 45 प्रतिशत राशि कम कर उस कीमत का माल दिया जाता था। रिटेल कारोबारियों के मुताबिक इससे पहले तक ऐसी दवा वापसी पर अधिकतम 30-35 प्रतिशत तक कमीशन काटा जाता था। असल में कंपनी थोक कारोबारियों से ऐसा माल वापस लेने पर सिर्फ 28 प्रतिशत ही कमीशन काटती है।
हर बिल का विवरण
जीएसटी के जानकार थोक कारोबारियों के इस फैसले को कागजी कार्रवाई से बचने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि नए कर कानून में अब जरूरी हो गया है कि पहले बेचे जाने के बाद वापस आने वाली वस्तुओं का जमा हिसाब बेचवाल को बनाना होगा। वापसी के ऐसे जमा हिसाब इनवॉयस यानी बिल के अनुसार तैयार होंगे।
5 फीसदी तक होती है एक्सपायरी
जिले में दवा व्यवसाय करोड़ों रूपए का है, जिसमें 2 से 5 प्रतिशत तक एक्सपायर दवाओं की वापसी होती है। इसके मान से हर साल बड़ी राशि की दवाईयां एक्सपायर होने पर वापस करने के एवज में नई दवाईयां लेने की प्रक्रिया होती रही है। अब वापसी को लेकर बने असमंजस से दुकानदारों का आपसी हिसाब गड़बड़ा रहा है।
इनका कहना है
बीते नवम्बर माह में आल इंडिया आर्गनाइजेशन आफ केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट की वार्षिक साधारण सभा हुई है। इसमें एआईओसीडी के अध्यक्ष जगन्नाथ शिन्दे ने लीकेज, ब्रकेज, एक्सपायरी के संबंध में किसी भी खुदरा व्यापारी को नुकसान नहीं होने देने का आश्वासन दिया है। इस संबंध में कंपनी, दवा उत्पादकों एवं सरकार से चर्चा होने तथा उसके परिणाम जनवरी तक सामने आने की बात कही गई है। इसलिए किसी तरह का असमंजस न रखा जाए।
राकेश सोनी जिला अध्यक्ष मप्र केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन नरसिंहपुर

 

Created On :   18 Dec 2017 1:47 PM IST

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