जमानत खारिज होते ही कोर्ट से फरार हो गए दहेज लोभी मां-बेटा

Dowry greedy mother and son absconded from court as soon as bail was rejected
जमानत खारिज होते ही कोर्ट से फरार हो गए दहेज लोभी मां-बेटा
सतना जमानत खारिज होते ही कोर्ट से फरार हो गए दहेज लोभी मां-बेटा

डिजिटल डेस्क,सतना। जिला न्यायालय परिसर में बुधवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब जमानत खारिज होते ही दहेज प्रताडऩा की आरोपी मां और उसका बेटा कोर्ट से फरार हो गए। सिविल लाइन की थाना प्रभारी अर्चना द्विवेदी ने बताया कि आरोपी मां शीला मिश्रा और उसके बेटे अन्वेष के खिलाफ आईपीसी की धारा- २२४/३४ 
(क्राइम नंबर - १२३/२२) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी  शेफाली सिंह की अदालत ने वारंट भी जारी किया है। 
२५ दिन में चार्जशीट :------
दहेज प्रताडऩा के आरोपी मां शीला मिश्रा और उसके बेटे अन्वेष के खिलाफ महिला थाने में विगत २३ जनवरी को आईपीसी की दफा ४९८ ए, ५०६ एवं  दहेज प्रतिशेध अधिनियम की धारा ३/४ के तहत एफआईआर कराई गई थी। बुधवार को महिला थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रथम श्रेणी  न्यायिक दंडाधिकारी शेफाली सिंह की अदालत में चार्जशीट प्रस्तुत की। इसी बीच आरोपी शीला और अन्वेष की ओर से जमानत की अर्जी पेश की गई। पीडि़ता की ओर से अधिवक्ता मुकेश शुक्ला ने लिखित आपत्ति दर्ज कराई। शासन की ओर से एडीपीओ भीष्म प्रताप सिंह ने भी जमानत के विरुद्ध तर्क दिए।  पीडि़ता ने भी अदालत के समक्ष ज्यादती के साक्ष्य के रुप में तबके फोटोग्राफर्स रखे। प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर जैसे ही कोर्ट ने दहेज प्रताडऩा के आरोपियों की जमानत खारिज की,दोनों कोर्ट से फरार हो गए।     
यातनाएं कैसी-कैसी: चाकुओं से गोद,  ब्लेड मारे :----
पुलिस के मुताबिक जैतवारा निवासी एक युवती का विवाह यदुनंदन नगर (डी-९ रामपार्क) बिलासपुर निवासी सुशील मिश्रा के बेटे अन्वेष मिश्रा के साथ वर्ष २०१८ की १८ जून को विधिवत हुआ था। शादी में बतौर दहेज ५ लाख कैश और लगभग ७-८ लाख रुपए मूल्य की कार भी ली गई थी। मगर, इतने के बाद भी पति अन्वेष और सास शीला मिश्रा का पेट नहीं भरा। आए दिन पीडि़ता के साथ और दहेज के लिए मारपीट होने लगी। बिलासपुर स्थित ससुराल में ६ फरवरी २०१९ को यातना की सभी हदें तब पार हो गईं जब पति और सास ने मिलकर पीडि़ता को चाकुओं से गोदा और ब्लेड भी मारे। दहेज के लिए उसके मायके संदेशा भेजा गया। जैतवारा से बिलासपुर पहुंचे परिजन उसे अपने साथ ले आए और उसका उपचार कराया। 
एनईएफटी से लिए ३ लाख :----
आरोप है कि अव्वल दर्जे के दहेज लोभी मां-बेटे ने मायके में भी पीडि़ता का पीछा नहीं छोड़ा। वापस लाने से पहले दहेज में एक  बार फिर से ३ लाख रुपए मांगे। हर तरफ से मजबूर परिजनों से दहेज लोभियों ने एनईएफटी के माध्यम से ३ लाख 
रुपए लिए। पीडि़ता के बिलासपुर पहुंचने पर फिर से उस पर जुल्म ढाए जाने लगे। 
अंतत: परिजन उसे वापस ले आए। इस तरह से मामला महिला थाने पहुंचा।

Created On :   17 Feb 2022 6:34 PM IST

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