हाईकोर्ट ने कहा - आरक्षण को लेकर खुदकुशी का कदम न उठाएं, सरकार से मांगी रिपोर्ट

Do not take suicidal steps regarding reservation - High Court
हाईकोर्ट ने कहा - आरक्षण को लेकर खुदकुशी का कदम न उठाएं, सरकार से मांगी रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा - आरक्षण को लेकर खुदकुशी का कदम न उठाएं, सरकार से मांगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण को लेकर आत्महत्या कर रहे लोगों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि मराठा समुदाय के लोग न तो हिंसक गतिविधियों में संलिप्त हों और न ही आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाएं। क्योंकि मामला अभी अदालत में है। ऐसी स्थित में समुदाय के लोग धैर्य रखें। लोगों का जीनव बहुमूल्य है, इसलिए वे आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम न उठाए और न ही कानून हाथ में ले। 

जस्टिस आरवी मोरे व जस्टिस अनूजा प्रभुदेसाई की बेंच ने मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों से यह अाग्रह करते हुए राज्य सरकार को अराक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों की प्रगति रिपोर्ट 10 सितंबर तक पेश करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कहा है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य पिछड़ा आयोग जल्द से मराठा आरक्षण से जुड़ी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपे। सरकार का इस रिपोर्ट पर निर्णय लेना वैधानिक दायित्व है। हम आयोग से आशा व अपेक्षा रखते हैं कि वह अपना काम दो महीने में पूरा कर लेगा। 

आयोग की रिपोर्ट के बिना सरकार नहीं ले सकती निर्णय
इससे पहले राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम ने बेंच को बताया कि मराठा समुदाय से जुड़ी जानकारी के संकलन के लिए पांच एजेंसियों को नियुक्ति किया गया है। इसके साथ ही विशेषज्ञों का एक पैनल भी बनाया गया है। इन्होंने मराठा समाज की स्थिति को लेकर बहुत सी जानकारियां इकट्ठा की है। जिसे वर्गीकृत किया जा रहा है। इसके लिए राज्य के सांख्यिकी विभाग की भी मदद ली गई है। विशेषज्ञ पैनल और पांच एजेंसियों द्वारा संकलित की गई जानकारी पांच सितंबर तक आयोग को दी जाएगी। इसके बाद आयोग इस जानकारी का विश्लेषण करेगा।

आयोग ने सरकार को अपनी रिपोर्ट देने के लिए 5 सितंबर के बाद तीन महीने का समय मांगा है। सरकार इस मामले में वक्त नहीं ले रही है, आयोग ने समय मांगा है। आयोग एक वैधानिक संस्था है लिहाजा सरकार उसके काम में दखल नहीं दे सकती है। सारा काम प्रगति पर है। जब तक आयोग अपनी रिपोर्ट नहीं देता तब तक सरकार निर्णय नहीं ले सकती।

दो महीने में काम पूरा करने की कोशिश करें 
बेंच ने कहा कि मामले की संवेदन शीलता को देखते हुए आयोग अपना काम दो महीने में करने की कोशिश करे। हम आरक्षण की मांग को लेकर पैदा हुई परिस्थिति व आत्म कर रहे लोगों की जानकारी मिलने से चिंतित हैं। सरकार भी इस मामले में संवेदनशील हो। यह कहते हुए बेंच ने कहा कि सरकार 10 सितंबर तक मराठा आरक्षण के विषय में उठाए गए कदमों की जानकारी प्रगति रिपोर्ट के रुप में हमारे सामने पेश करें।  

Created On :   7 Aug 2018 6:57 PM IST

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