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जिला पंचायत अध्यक्ष का गांव आवास योजना में शामिल नहीं
डिजिटल डेस्क दमोह। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सबसे महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में जहां अधिकारियों को किसी भी प्रकार से राहत नहीं मिल रही है। वहीं इस योजना के क्रियान्वयन के लिए समूचे पंचायत स्तर से लेकर जिला पंचायत तक अधिकारी, कर्मचारियों की फौज कार्यो में जुटी रहती है लेकिन जिपं का ही प्रतिनिधित्व करने वाले जिपं अध्यक्ष का गांव आवास योजना में शामिल न हो इससे बड़ा बुरा हाल क्या हो सकता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में जहां जिले में 20 हजार 624 आवास के निर्माण का लक्ष्य दिया गया था। वहीं इस योजना में अभी तक 52 प्रतिशत से अधिक की उपलब्धि हासिल होने का दावा जिपं कर रही है। उसके अनुसार जिले की सातों जनपदों में 10 हजार 743 आवासों का निर्माण अभी तक हो चुका है लेकिन जिले की 460 ग्राम पंचायतों में 3 ग्राम पंचायते है ऐसी है जो इस योजना में शामिल नहीं है, जिस कारण से इस योजना का लाभ इन ग्राम पंचायतों को नहीं मिल पा रहा है। इन तीनों ग्राम पंचायतों में एक ग्राम पंचायत बछामा जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल की तो दो ग्राम पंचायतें आम चौपरा व मराहार प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया के विधानसभा क्षेत्र की शामिल है।
जिला पंचायत के यदि आंकड़ो को देखा जाए तो जिले की 7 जनपद पंचायतों बटियागढ़, दमोह, हटा, जबेरा, पटेरा, पथरिया एवं तेन्दूखेड़ा में अलग- अलग लक्ष्य सौंपा गया था। इसमें कुल 20 हजार 624 के मुकाबले बटियागढ़ को 3 हजार 85, दमोह को 3 हजार 987, हटा को 2 हजार 417, जबेरा को 3 हजार 859, पटेरा को 2 हजार 317, पथरिया को 2 हजार 469 तथा तेन्दूखेड़ा को 2 हजार 490 आवासों का लक्ष्य दिया गया था। इस तरह इन जनपद पंचायतों में आवास बनाने का कार्य तो हुआ है लेकिन यदि भौतिक सत्यापन किया जाए तो इन आवासों की हालत काफी दयनीय है।
अनेक ग्राम पंचायतों के सरपंचों द्वारा गुणवत्ताविहीन कार्य कराकर लक्ष्य को प्राप्त करने तथा जिपं व जपं के दबाव में काम तो किए है लेकिन हितग्राहियों के खातों में राशि जाने के बावजूद भी ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायकों ने 5 से 25 हजार रूपए तक की वसूली कर इन आवासहीनों को राशि स्वीकृत कराने के नाम पर वसूली की। इस बात की अनेक शिकायतें जनसुनवाई में किए जाने के बाद भी अधिकारियों द्वारा जांच में लीपापोती कर मामले को निपटा दिया जाता है और हितग्राही चक्कर ही काटता रहता है।
प्रधानमंत्री की सबसे महत्वपूर्ण इस योजना का लाभ जिपं के अध्यक्ष शिवचरण पटैल की हटा जपं के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत को न मिलना सबसे बड़ा दुर्भाग्य पूर्ण मामला है, जो जनप्रतिनिधि जिपं अध्यक्ष बनकर उस संस्था का प्रमुख हो और उसी की ग्राम पंचायत इस योजना से विमुख रहे इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।
इनका कहना है
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए वर्ष 2011 में मैपिंग किया गया था, उस दौरान इन तीन ग्राम पंचायतों को क्यो छोड़ दिया गया, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन इस संबंध में इनकी मैपिंग हेतु पत्र लिखा गया है।
डॉ. श्रीनिवास शर्मा कलेक्टर, दमोह
मेरी पंचायत को इस योजना का लाभ क्यो नहीं मिल रहा है। यह अधिकारी स्पष्ट रूप से नहीं बताते है, जबकि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रत्येक आवासहीन को आवास दिया जाएगा।
शिवचरण पटैल अध्यक्ष, जिपं दमोह
Created On :   6 Dec 2017 2:02 PM IST