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विट्ठल-रुक्मिणी पालकी के वारकरियों को महाप्रसाद का वितरण
डिजिटल डेस्क, मालेगांव. दो वर्षो से पैदल पंढरपुर जानेवाली जानेवाली पालकियां बंद रहने से मन में अजिब सी बेचैनी रहती थी । लेकिन इसवर्ष से पालखियों का जाना शुरु होने से मन में खुशी की अनुभूति हुई है । संत गजानन महाराज शेगांव की पैदल पालकी तथा वरुड (अकोट) के विठ्ठल-रुखमाई संस्थान के साथही शहर में आनेवाली अन्य पालकियों में शामिल वारकरियों के सहवास से मन को समाधान मिलने का प्रतिपादन प्रेमरतन भुतडा ने पालकी के स्वागत समारोह के अवसर पर व्यक्त किया । वरुड (अकोट) पालकी का यह 45 वा वर्ष है और इस पालकी में 150 महिला व पुरुष शामिल रहते है । यह पालकी 15 जून को सुबह 9 बजे स्थानीय गितानगर, शिक्षक कालोनी, नप मार्ग होते हुए शिवचौक, गांधी चौक, भुतडा क्लाथ स्टोअर्स, मेडिकल चौक, विवेक आटोमोबाइल, घर संसार पहुंची । यहां पर प्रेमरतन भुतडा, रमेशचंद्र भुतडा, एड. ओमप्रकाश भुतडा, अरुण भुतडा ने विठ्ठल रुख्माई की प्रतिमा का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की । बाद में पालकी पुराने बस स्टैंड मार्ग होते हुए माहेश्वरी भवन पहंुची । जहां पर भुतडा परिवार व मित्र मंडल की ओर से वारकरियों का स्वागत कर महाप्रसाद वितरित कया गया । भुतडा परिवार की महिलाओं ने तुलसी कुंड की पूजा-अर्चना कर चुनरी चढ़ाई । 65 महिलाओं को साड़ी व ब्लाऊज तो पुरुष वारकरियों को टोपी उपहार दी गई । बाद में पालकी माहेश्वरी भवन की ओर रवाना हुई, जहां पर रामबाबु मुंदडा, गोपाल मानधने, श्रीकिसन मानधने, मनोहर डोले, श्याम काबरा, मधुसुदन तोष्णीवाल, शिवलाल भुतडा, हरिष मानधने, चंपालाल अग्रवाल, सत्यनारायण काबरा, सतीष काबरा, गिरीष अग्रवाल, सत्यनारायण ओझा, गोविंद लाहोटी, जुगल जोशी, कासट, पिंपरकर, गट्टाणी, सुरेश जाजू, पवन मंत्री, डा. सोनी समेत सैकड़ों महिला व पुरुषों ने महाप्रसाद का लाभ लिया । हभप खाडे महाराज के नेतृत्व में 130 वारकरियों के समावेशवाली पालकी दोपहर 3 बजे वाशिम की ओर रवाना हो गई ।
Created On :   16 Jun 2022 6:23 PM IST