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दूसरों की मदद के लिए आगे आए हैं आर्थिक संकट से जुझ रहे डिब्बे वाले
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोविड की दूसरी लहर में संचारबंदी के कारण आर्थिक संकट से जूझने के बावजूद मुंबई के डिब्बे वाले कोरोना के मरीजों के मदद के लिए आगे हैं। मुंबई के डिब्बे वाले अहमदनगर के पारनेर सीट से राकांपा विधायक नीलेश लंके की ओर से चलाए जाने वाले कोविड केयर सेंटर को एक लाख रुपए की मदद करेंगे। लंके पारनेर में कोरोना मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर चला रहे हैं। इसके लिए लंके को राज्य भर से मदद मिल रही है।
सोमवार को मुंबई डिब्बे वाला एसोसिएशनके अध्यक्ष सुभाष तलेकर ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि लंके पिछले कई महीनों से खुद कोविड केयर सेंटर में रहकर कोरोना के मरीजों की सेवा कर रहे हैं। केयर सेंटर के कारण कोरोना के मरीजों को बिस्तर मिल पा रहा है। इससे प्रभावित होकर मुंबई के डिब्बे वालों ने लंके को मदद करने का फैसला लिया है। लंके कोमुंबई डिब्बे वाला एसोसिएशन की ओर 19 मई को एक लाख रुपए का चेक सौंपा जाएगा।
तलेकर ने कहा कि हमें विभिन्न संगठनों ने डिब्बे वालों के लिए अनाज उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक मदद की है। लेकिन डिब्बे वालों का कहना है कि हम लोगों को भोजन के लिए किसी अन्य जगह से व्यवस्था हो जाएगी। इसलिए हम अनाज के लिए मिली मदद से लंके को एक लाख रुपए की आर्थिक मदद करेंगे।तलेकर ने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य में हर विधायक इस तरह का प्रयास करें। जिससे कोरोना काल में मरीजों को राहत मिल सकेगी।
केईएम अस्पताल के बाहर मरीजों को भोजन वितरण
मुंबई के डिब्बे वाले अस्पताल के बाहर मरीजों के परिजनों के भोजन के लिए सहारा बने हुए हैं। डिब्बे वाले मुंबई मनपा के केईएम अस्पताल के बाहर से परिजनों को हर दिन भोजन उपलब्ध कराते हैं। तलेकर ने कहा कि मुंबई डिब्बे वाला एसोसिएशन के रोटी बैंक को एक निजी संस्था ने भोजन का प्रबंध किया है। इससेडिब्बे वाले केईएम अस्पताल के बार मरीजों के परिजनों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। तलेकर ने कहा कि केईएम अस्पताल के बाहर हर दिन 250 लोगों को भोजन दिया जा रहा है। डिब्बे वालों की एक और संस्था से बातचीत चल रही है। यदि संस्था तैयार हुई तो डिब्बे वाले नायर अस्पताल के बाहर भी हर दिन शाम को 250 लोगों को भोजन उपलब्ध कराएंगे। तलेकर ने कहा कि कोरोना महामारी की चेन को तोड़ने के लिए सरकार की ओर से संचारबंदी लागू की गई है। इससे मुंबई के डिब्बे वालों की निजी और सरकारी कार्यालयों में टिफिन पहुंचाने की सेवा बिल्कुल बंद हो गई है। तलेकर ने कहा कि फरवरी महीने के बाद से डिब्बे वालों की सेवा धीरे-धीरे शुरू हो रही थी। लेकिन संचारबंदी में लोकल ट्रेन में प्रवेश पर मनाही के बाद से टिफिन सेवा ठप्प हो गई है। तलेकर ने कहा कि डिब्बे वालों को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार को 5-5 हजार रुपए की मदद करनी चाहिए।
Created On :   17 May 2021 7:31 PM IST