उपजिला अस्पतालों में बनेंगे डायलिसिस सेंटर, मिलेगी सिटी स्कैन की भी सुविधा

Dialysis center to be set up in sub-district hospitals, will also get city scan facility
उपजिला अस्पतालों में बनेंगे डायलिसिस सेंटर, मिलेगी सिटी स्कैन की भी सुविधा
उपजिला अस्पतालों में बनेंगे डायलिसिस सेंटर, मिलेगी सिटी स्कैन की भी सुविधा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश भर के उपजिला अस्पतालों में डायलिसिस सेंटर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही उपजिला अस्पतालों में सिटी स्कैन मशीन उपलब्ध कराए जाएंगे। विधान परिषद में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह आश्वासन दिया। टोपे ने कहा कि पहले चरण में तहसील स्तर के उपजिला अस्पतालों में डायलिसिस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। अगले साल दूसरे चरण में राज्य के 365 तहसीलों में डायलिसिस सेंटर बनाने की योजना है। अभी केवल जिला स्तर पर डायलिसिस सेंटर की सुविधा है।

गुरुवार को राकांपा सदस्य विद्या चव्हाण ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से पक्षाघात (स्ट्रोक) और कैंसर के मरीजों के इलाज की सुविधा उपलब्ध न होने का मुद्दा उठाया था। टोपे ने कहा कि राज्य के 50 से 100 बेड वाले उपजिला अस्पतालों में सिटी स्कैन मशीन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य के 11 जिलों में किमोथेरपी यूनिट शुरू किया गया है। इस महीने 6 और जिलों में किमोथेरपी यूनिट शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा विभागीय स्तर पर रेडिएशन सेंटर की सुविधा शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में ट्रस्ट के अस्पतालों में गरीबों के लिए पांच प्रतिशत बेड का आरक्षण सुनिश्चित करने लिए जिला स्तर पर निगरानी प्रणाली तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले एक महीने में टाटा अस्पताल के माध्यम से मुंबई में धर्मशाला बनाया जाएगा। 

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने कहा कि राज्य में अवैध पैथोलॉजी लैब पर लगाम लगाने के लिए नई नीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में जल्द से जल्दक्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लागू किया जाएगा। इससे अवैध पैथोलॉजी लैब पर रोक लग सकेगी। देशमुख ने कहा कि दुर्भाग्य से महाराष्ट्र में केंद्र सरकार का क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू नहीं हो पाया है। इसलिए स्वास्थ्य विभागक्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने का प्रयास कर रहा है। गुरुवार कोसदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए राकांपा सदस्य जगन्नाथ शिंदे ने अवैध पैथोलॉजी लैब पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया था। इस पर देशमुख ने कहा कि सभी जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त, जिला परिषद के सीईओ को अवैध पैथोलॉजी लैब की जानकारी सरकार के पास भेजने के निर्देश दिए जाएंगे। 

नाशिक कृषि उत्पन्न बाजार समिति (एपीएमसी)में एक प्रतिशत शुल्ककम करने के फैसले की जांच कराई जाएगी। प्रदेश के सहकारिता तथा विपणन मंत्री बालासाहब पाटील ने यह जानकारी दी। पाटील ने कहा कि नाशिक एपीएमसी को अधिकार न होने के बावजूद जिला उपनिबंधक गौतम बलसाणे ने शुल्क कम करने का फैसला किया। इसलिए इसकी जांच कराई जाएगी। सदन में शिवसेना सदस्य नरेंद्र दराडे ने ध्यानाकर्षण प्रस्तावके जरिए यह मुद्दा उठाया था। पाटील ने कहा कि सटाणा मर्चेंट बैंक में निदेशकों को कम करने के मामले की भी जांच कराई जाएगी। 
 

Created On :   5 March 2020 8:46 PM IST

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