निधि खर्च न होने से अटके ग्रामीण अंचल के विकास कार्य

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
अकोला निधि खर्च न होने से अटके ग्रामीण अंचल के विकास कार्य

डिजिटल डेस्क, अकोला। जिला परिषद अंतर्गत आनेवाले निर्माण विभाग स्वउत्पन्न समेत राज्य शासन से प्राप्त निधि से विभिन्न प्रकार के विकास काम किए जाते हैं। किन्तु इस निधि में से शालाओं की कक्षाओं के निर्माण, प्राथमिक आरोग्य केंद्र निर्माण, उपकेंद्र निर्माण, अंगनवाड़ी निर्माण कार्य 3054 व 5054 इन लेखा शीर्षकों की करोड़ों रुपयों की राशि अखर्चित रह गई। जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में इन मुलभूत सुविधाओं के कार्य अधूरे रह गए। निधि अखर्चित रहने से जिला परिषद के चिराग तले अंधेरा नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में विविध प्रकार के विकास काम करते आए इसके लिए जिला परिषद के निर्माण विभाग को राज्य शासन समेत जिला वार्षिक योजना से करोड़ों रुपए की निधि उपलब्ध कराई जाती है। उसी के साथ जिला परिषद के उत्पन्न (सेस) से  भी निर्माण विभाग काे निधि उपलब्ध कराई जाती है। इस निधि से ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों का निर्माण, दुरुस्ती, डांबरीकरण, निवासी इमारतों की देखभाल, दुरुस्ती आदि काम किए जाते हैं। निधि निश्चित समयावधि में खर्च करने की जिम्मेदारी निर्माण विभाग होती है, किन्तु ऐसा होने के बाद भी जिला परिषद के निर्माण विभाग की ओर से बरती जा रही लापरवाही का असर ग्रामीण क्षेत्रों में किए जानेवाले विकास कामों पर पड़ता है। परिणामस्वरुप जिला परिषद के निर्माण विभाग को वर्ष 2021-22 में करोड़ों रुपए अखर्चित रह गए।

इन कामों की निधि अखर्चित

हालही में हुई स्थायी समिति की सभा में निधि अखर्चित रहने का मुद्दा सत्तादल के गुटनेता की ओर से उपस्थित किया गया था। जिसमें उन्होंने शालाओं में कक्षा के निर्माण कार्य के 3 करोड़ रुपए, प्राथमिक आरोग्य केंद्र निर्माण कार्य के 1.31 करोड़ रुपए, उपकेंद्र निर्माण कार्य के 2.52 करोड़, 3054 लेखा शीर्षक के 2.62 करोड़ व 5054 लेखा शीर्षक के 2.93 करोड़ रुपए अखर्चित रहने की बात करते हुए अधिकारियों से जवाब मांगा था। इसके अलावा पशुसंवर्धन विभाग समेत विभिन्न विभागों की अखर्चित निधि को लेकर सदस्यों ने नाराजगी जताई थी

हर बार का यही रोना

जिला परिषद की ओर से योजनाएं समय पर न चलाए जाने की वजह से हर साल निधि अखर्चित रहता है। वहीं लाभार्थी भी लाभ से वंचित रहता है।  इसी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए मिलनेवाली निधि भी अखर्चित रहती है। हर बार की तरह इस बार भी यही रोना रहा जिससे ग्रामीण इलाकों में विकास कार्य पूरी तरह संभव नहीं हो पाए। आनेवाले वित्तीय वर्ष में भी योजनाएं चलाई जानी है किन्तु वित्तीय वर्ष 2022-23 में कितनी योजनाएं पूरी होगी व कितनी योजना अधूरी रहेगी इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।

Created On :   15 April 2022 5:40 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story