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वेतन कटौती: कंट्रीब्यूटरी शिक्षकों के वेतन पर विभाग प्रमुखों ने चलाई कैंची
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के विविध कॉलेजों में पढ़ाने वाले कंट्रीब्यूटरी शिक्षकों की समस्या इन दिनों कुछ विभाग प्रमुखों के अडियल रवैये के कारण बढ़ गई है। नागपुर विवि की मैनेजमेंट काउंसिल ने कुछ महीने पूर्व लॉकडाउन की समस्या देखते हुए कंट्रीब्यूटरी शिक्षकों को 30 अप्रैल तक का वेतन देने का प्रस्ताव मंजूर किया था, लेकिन विभाग प्रमुखों ने उतना ही बिल भेजा है जितना शिक्षकों ने क्लास लिया है। इससे शिक्षकों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। मैनेजमेंट काउंसिल के सुधार करने के निर्देश के बाद भी विभाग प्रमुख अपने निर्णय पर अड़े हुए हैं।
विभाग के अपने तर्क
विभाग प्रमुखों को निर्देश थे कि चाहे कंट्रीब्यूटरी शिक्षकों ने कम लेक्चर क्लास क्यों न लिए हों, उसका वेतन बिल 30 अप्रैल तक का तैयार किया जाए। विवि प्रशासन ने यह निर्णय शिक्षकों को आर्थिक राहत पहुंचाने के उद्देश्य से लिया था, लेकिन करीब 10 विभाग प्रमुख और एक संचालित कॉलेज के प्राचार्य ने शिक्षकों को 30 अप्रैल तक का वेतन देने में असमति जताई है। शिक्षकों ने जितने लेक्चर क्लास लिए, उतने का ही वेतन का बिल बना कर वित्त व लेखा विभाग को भेज दिया। अधिकांश शिक्षकों ने लॉकडाउन लगने के पूर्व 13 मार्च तक लेक्चर लिए थे। वित्त व लेखा विभाग के अधिकारियों ने मैनेजमेंट काउंसिल के निर्णय का हवाला देते हुए विभाग प्रमुखों को अपने प्रस्ताव में सुधार करने के निर्देश दिए, लेकिन विभाग प्रमुख इस बात पर अड़ गए कि बगैर लेक्चर लिए शिक्षकों को वेतन देना नियमों के विरुद्ध है, भविष्य में विभाग प्रमुखों को इससे समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
प्रति लेक्चर मिलते हैं 480 रुपए
विवि में कंट्रीब्यूटरी शिक्षक यानी क्लॉक ऑवर बेसिस पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रति लेक्चर के हिसाब से वेतन दिया जाता है। प्रत्येक लेक्चर के लिए 480 रुपए दिए जाते हैं। विभाग प्रमुखों की असहमति के कारण प्रत्येक शिक्षक को करीब 20 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। विवि में ऐसे करीब 100 कंट्रीब्यूटरी शिक्षक हैं। कम वेतन का बिल भेजने के कारण वित्त विभाग ने अब तक शिक्षकों के वेतन की रकम जारी नहीं की है। ऐसे में कुछ विभाग प्रमुखों के अड़ियल रवैये से उनके ही शिक्षक परेशानी मंे है।
Created On :   17 Sept 2020 5:03 PM IST