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मेडिकल हास्पिटल में किट नहीं होने से डेंगू की जांच बंद, दवाओं की कमी से जूझ रहे मरीज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में दवाओं की कमी की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। हैरानी की बात यह है कि सरकार ने इस समस्या को सुलझाने के लिए हाफकिन कंपनी को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन उसकी भी व्यवस्था फैल होती दिखाई पड़ रही है। बारिश के चलते तरह-तरह की बीमारी पनप रही है। मेडिकल में डेंगू के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि किट नहीं होने की वजह से जांच नहीं हो पा रही है।
20 फीसदी बढ़े मरीज
मेडिकल में सर्दी खांसी के साथ ही सामान्य दिनों की अपेक्षा इन दिनों डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की संख्या में करीब 20 फीसदी बढ़ गए हैं। मेडिसिन विभाग के वार्डों में मरीजों की संख्या तो बढ़ ही गई है। साथ ही बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में भी बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इन सब में परेशानी की बात यह है कि मरीजों की डेंगू की जांच नहीं होने से उपचार में समस्या खड़ी हो रही है। डेंगू की जांच बाहर करवाने पर मरीज के परिजनों को 700 से 800 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। इसमें मरीजों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो रही है। वहीं उपचार को लेकर मरीजों और चिकित्सकों के बीच नोंकझोंक की स्थिति भी लगातार बन रही है।
बारिश का पानी बना समस्या
गर्मी से राहत पाने के लिए सभी लोग बारिश के पानी का इंतजार कर रहे हैं। शनिवार-रविवार को मौसम ने थोड़ी करवट ली बारिश होने के बावजूद मौसम में गर्मी हुई तो लोगों की हालत खराब होने लगी। ऐसे में दूसरी ओर बारिश का पानी लोगों के लिए समस्या बन रहा है क्योंकि डेंगू के मच्छर साफ पानी में अपना लार्वा छोड़ते हैं, जो बाद में मच्छर बन जाते हैं। घरों, आस-पड़ोस, छत पर पड़े कबाड़, गड्डों में पानी जमा होने वाला पानी घातक बन सकता है। इसलिए बारिश के पानी को जमा नहीं होने दें और जमा होने की स्थिति में केरोसिन के तेल का छिड़काव करें।
Created On :   12 Aug 2019 2:34 PM IST