पुलिस एवं कारागार की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित
डिजिटल डेस्क, जयपुर। पुलिस एवं कारागार की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित, जेल सुधार में राजस्थान देश में नंबर वन, कामयाब रहा ऑपरेशन फ्लशआउट, दो साल में ट्रेप के 622 प्रकरण, गरीब परिवादियों की मदद के लिए एक करोड़ रूपये का रिवॉल्विंग फंड प्रस्तावित -संसदीय कार्य मंत्री। संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार का प्रमुख ध्येय पारदर्शी, जवाबदेह व स्वच्छ प्रशासन देना है। इसके लिए प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण स्थापित करने एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने अपने नीतिगत दस्तावेज में इसे शामिल किया हैं। प्रदेश में भय, भूख व भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लिए जीरो डिस्क्रेशन, जीरो करप्शन और जीरो हैरसमेंट की नीति पर आधारित संकल्प आमजन को सुशासन देने में सदैव तत्पर है। संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल सोमवार को विधानसभा में मांग संख्या-16 पुलिस एवं मांग संख्या-17 कारागार की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने पुलिस की 74 अरब 33 करोड़ 32 लाख 35 हजार रुपये एवं कारागार की 2 अरब 19 करोड़ 18 लाख 98 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
जेल सुधार में राजस्थान देश में नंबर वन उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दो साल के कार्यकाल में जेल विभाग ने सरकार की नीतियों के अनुरूप अच्छा कार्य किया है। कई सुधारात्मक कदम उठाये गये है, जिससे जेल व्यवस्था में सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नवाचारों के जरिये सुधार लाने की नई पहल की शुरूआत की गयी है। चलाया गया ऑपरेशन फ्लशआउट उन्होंने बताया कि जेल में मोबाइल एवं निषिद्ध वस्तुओं के प्रवेश तथा बंदियों के द्वारा जेलों में आपराधिक गतिविधियों के संचालन पर अंकुश लगाने के लिए महानिदेशक कारागार द्वारा 21 नवंबर 2020 से ऑपरेशन फ्लशआउट चलाया गया। इसमें जेल, पुलिस एवं एसओजी के द्वारा विभिन्न जेलों में अभियान चलाकर 9141 से अधिक सघन तलाशियां ली गई। अभियान के दौरान समस्त जेलों में आपराधिक कृत्यों, भ्रष्टाचार एवं मिलीभगत में लिप्त स्टॉफ को चिन्हि््त कर अनुशासनात्मक कार्यवाही, जेलों में आंतक का पर्याय बने हुए हार्डकोर बंदियों को कम्फर्ट जोन से अन्यत्र जेलों में स्थानांतरण करने तथा जेलों में बंदियों को उपलब्ध कराई जा रही अनाधिकृत सुविधाओं पर रोक लगाई गई।
अभियान में 150 जेल कार्मिकों को किया गया पुरस्कृत संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि तलाशी में मोबाइल फोन, सिमकार्ड, चार्जर, मादक पदार्थ अन्य निषिद्ध सामग्री बरामद की गई। साथ ही 69 हार्ड कोर बंदियों को दूरस्थ कारागृहों में भेजा गया। आपराधिक वृतियों में लिप्त 128 से अधिक जेल कार्मिकों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की गई। इसमें अच्छे काम करने वाले 150 जेल कार्मिकों को पुरस्कृत किया गया। प्रदेश की 95 जेलों में ई-पेशी का विस्तार श्री धारीवाल ने बताया कि कोरोना काल में नियमित न्यायालय पेशी बंद रहने के दौरान 25 जेलों में वीसी से मई, 2020 से जनवरी, 2021 तक 12 हजार 422 बंदियों की पेशी करवाई गई। इस व्यवस्था के तहत 95 जेलों तक ई-पेशी के विस्तार का प्रयास किया जा रहा है। कोरोनाकाल में बंदियों की परिजनों से ई-मुलाकात की नई व्यवस्था शुरू की गयी। इसके तहत 81 हजार 936 ई-मुलाकात करवाई जा चुकी है। साथ ही प्रिजन इन्मेट कॉलिंग सिस्टम से जून, 2018 के बाद 47 हजार 109 बंदियों को परिजनों से एसटीडी पर बात कराई गयी। इन सभी कार्यो के तहत केंद्र सरकार के एनआईसी द्वारा विकसित पोर्टल ई-प्रिजन पर कार्य में राजस्थान देश में अग्रणी रहा है।
जेल कार्मिकों को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जेल विभाग के कार्मिकों को कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया। इसमें कर्मियों की कोरोना ड्यूटी करते हुए कोरोना से मृत्यु होने पर 50 लाख रूपए देने की घोषणा की गयी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में विभाग के 2855 स्टॉफ व बंदी पॉजिटिव हुए थे। वर्तमान में कोविड संक्रमित स्टॉफ व बंदियों की संख्या शून्य है। जेल बंदियों की मजदूरी में 20 प्रतिशत वृद्धि उन्होंने बताया कि जेल श्रम में नियोजित बंदियों को पूरी मजदूरी मिले, इसके लिए नियोजित बंदियों की मजदूरी में लगभग 20 प्रतिशत वृद्धि की गयी। इसे सामान्य श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी के समान कर दिया गया है। जेलों में हटाया जातीय बंधन राज्य सरकार ने 2 फरवरी 2021 को ऎतिहासिक निर्णय लेकर राजस्थान कारागार नियम में संशोधन कर कारागार नियमों में कई शब्द व प्रावधान को हटा दिया है। इससे जातिगत आधार पर बंदियों को काम के बंटवारे में असमानता एवं भेदभाव ख%
Created On :   9 March 2021 2:40 PM IST