एमबीबीएस पाठ्यक्रम के 141 नवोदित चिकित्सकों को उपाधि, 2016 बैच के डॉक्टरों के लिए दीक्षांत समारोह

Degree to 141 budding doctors of MBBS course
एमबीबीएस पाठ्यक्रम के 141 नवोदित चिकित्सकों को उपाधि, 2016 बैच के डॉक्टरों के लिए दीक्षांत समारोह
आयोजन एमबीबीएस पाठ्यक्रम के 141 नवोदित चिकित्सकों को उपाधि, 2016 बैच के डॉक्टरों के लिए दीक्षांत समारोह

डिजिटल डेस्क, अकोला। शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय में 2016 की एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेशित छात्रों का दीक्षांत समारोह कार्यक्रम सोमवार को जीएमसी के सभागृह में आयोजित किया गया है। जिसमें 2016 की बैच के 141 नवोदित चिकित्सकों को वैद्यकीय उपाधि प्रदान की गई। इस दौरान महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्य सचिव वी रंगनाथन व उनकी पत्नी तारा रंगनाथन, शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा मीनाक्षी गजभिय, उपाधिष्ठाता डा अरविंद आडे, डा निखिल घुगे, डा सुधीर पंडित, डा भावेश गुरुदासानी, रेडक्रास साेसाइटी के एड सुभाषसिंह ठाकुर, सचिव प्रभजितसिंह बछेर आदि प्रमुख रुप से उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। एमबीबीएस 2016 की बैच में छात्रों को चार वर्ष 6 माह की वैद्यकीय शिक्षा पूरी होने के बाद एक वर्ष  की मरीज सेवा दी। यान करीब साढ़े पांच वर्ष के सफल शैक्षिक सत्र पूरा करने के बाद सोमवार को 141 नवोदित चिकित्सकों को मान्यवरों के हाथों वैद्यकीय उपाधि प्रदान की गई। वैद्यकीय उपाधि के साथ उन्हें मोमेंटों, एमसीआई ओट्स, रेडक्रास सोसाइटी की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन सौम्य शांडिल्य व मिसबाह देशमुख ने जबकि आभार प्रसाद खुमकर माना।

वैद्यकीय छात्रों को विशेषज्ञों के अनुभव की आवश्यकता-रंगनाथन

कोरोना काल में बड़ी परेशानी आई थी। ऐसी स्थिति को देख वैद्यकीय शिक्षा क्षेत्र का विकास करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रयत्न करने की भी जरुरत है। वैद्यकीय महाविद्यालयों के निजी चिकित्सकों को लेकर हर रोज कम से कम तीन सेमीनार छात्रों के लिए रखना चाहिए। जिससे उन्हें हर रोज प्रैक्टिस करने के साथ अनुभवी चिकित्सकों का मार्गदर्शन मिलेगा। महाविद्यालयों ने ऐसे कार्यशाला शुरु करने से वैद्यकीय शिक्षा पूरी होने के बाद नवोदित चिकित्सक छात्रों का भविष्य उज्ज्वल रहने का मंतव्य प्रमुख अतिथि के रुप में उपस्थित महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्य सचिव वी रंगनाथन ने व्यक्त किया।

अभिभावकों की आंखों में खुशी के आंसू

दिन-रात मेहनत कर बच्चों को डॉक्टर बनाने का सपना साकार हुआ। अपने सपने को साकार करने के लिए माता-पिता सोमवार को स्नातक समारोह में शामिल हुए थे। माता-पिता को देखकर नवोदित डॉक्टरों ने उनका आशीर्वाद लिया। बच्चों के सपने को साकार होते देख छात्रों के माता-पिता के खुशी से आंखों नम होती नजर आई।

Created On :   10 May 2022 2:36 PM IST

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