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दमोह: चने के खेत से तेवड़ा (खेसरी) को उखाड़कर अलग कराने हेतु कृषि विभाग द्वारा चलाया गया विशेष जागरूकता अभियान
डिजिटल डेस्क, दमोह। कलेक्टर दमोह श्री तरूण राठी द्वारा दिये गए निर्देशों के तहत उप संचालक कृषि राजेश कुमार प्रजापति ने चने के खेत से तेवड़ा (खेसरी) को उखाड़कर अलग कराने का अभियान चलाया है। जिले में विगत वर्षो में चना उपार्जन में तेवड़ा (खेसरी) के दाने मिश्रण की समस्या आई थी, तेवड़ा के दानों में लेथायरिज्मा नामक एक जहरीला रसायन पाया जाता है। तेवड़ा के सेवन से मनुष्य के शरीर में कमजोरी, तंत्रिका तंत्र प्रभावित, हांथ पैर सुन्न एवं पैरो में पैरालेसिस (लकवा) जैसी गंभीर समस्यायें हो सकती है। वर्तमान में चना फसल फूल एवं दाना बनने की अवस्था में है, चने में लाग रंग फूल आते हैं, जबकि तेवड़ा के पौधें चने के पौधों से बिल्कुल भिन्न होते है तथा तेवड़ा में नीले रंग के फूल आते हैं, जिन्हें आसानी से पहचानकर खेत से निकालकर अलग किया जा सकता है।
कृषि विभाग द्वारा विकास खण्डवार एवं पंचायत स्तर पर 25 फरवरी 2021 तक विशेष जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा कृषकों को चने के खेत से तेवड़ा के पौधे पहचानकर अलग करने की सलाह दी जा रही है । आज दमोह विकास खण्ड की ग्राम पंचायतो यथा आंकखेड़ा, बिसनाखेड़ी, आंनू, हरदुआखुर्द, आँवरी, पटौंहा, सेमरा मड़िया, खैरुआ, पायरा, बिजौरी, सिंगपुर, बालाकोट, चौपराखुर्द, अर्थखेड़ा, बम्हौरी, टौरी, झापन, विकास खण्ड हटा की ग्राम पंचायतें-कुलुआकला, बोरीकला, कुंवरपुर, बंधा, सकौर, उदयपुरा, खमरगौर, दमौतीपुरा, काईखेड़ा, विकास खण्ड पथरिया की ग्राम पंचायतें-बेलखेड़ी, नंदरई, बिलानी, मिर्जापुर, खिरियाशंकर, देवलाई, पिपरौधा छक्का, मोहनपुर, जोरतला, मारा, महंतपुर, पिपरिया तुरकाई, विकास खण्ड जबेरा की ग्राम पंचायतें-हिनौतीठेंगापटी, सुनवराह, सुरई, सगौड़ीखुर्द, मनगुंवाघाट, पटीमहराज, भाटखमरिया, विकास खण्ड पटेरा की ग्राम पंचायतें-कुलुवा, पटेरिया, राजाबन्दी, गाताकौंड़िया, लुहर्रा, बिलाखुर्द, कोटा, बटियागढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायतें-सादपुर, पौड़ीफतेहपुर, बरौदाकला, बेलखेड़ी, गढ़ौलाखाड़े, चैनपुरा, खड़ैरी, विकास खण्ड तेन्दूखेड़ा की ग्राम पंचायतें-बम्हौरीपाँजी, बेलढ़ाना, समदई, माड़नखेड़ा, कुलुआ, दिनारी में कृषकों के खेतों से तेवड़ा अलग करवाया गया।
कृषकों को सलाह दी गई कि, चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन हेतु 25 फरवरी 2021 तक के लिए 68 उपार्जन केन्द्रों पर पंजीयन कार्य प्रांरभ हो गया है। कृषक बंधु आवश्यक अभिलखों के साथ पंजीयन केन्द्रों में पहुंचकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। कृषक बंधुओं से अपील की गई कि खेत से तेवड़ा के पौधों को पहचानकर अलग करे ताकि इस वर्ष चना उपार्जन में कोई समस्या उत्पन्न न हो।
Created On :   5 Feb 2021 3:03 PM IST