दमोह: एग्रो एडवाइजरी बुलेटिन दमोह जिले के लिए आगामी मौसम के तत्व आगामी पांच दिनों का मौसम पूर्वानुमान

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
दमोह: एग्रो एडवाइजरी बुलेटिन दमोह जिले के लिए आगामी मौसम के तत्व आगामी पांच दिनों का मौसम पूर्वानुमान

डिजिटल डेस्क, दमोह। दमोह जिले में आगामी पांच दिनों के मौसम पूर्वानुमान अनुसार 02 से 06 जनवरी तक वर्षा की कोई संभावना नहीं है, अधिकतम तापमान 25, 25, 26, 26, 25 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम तापमान 10, 12, 12, 11, 10 डिग्री सेल्सियस एवं बदलो की स्थिति यथा साफ बादल घने बादल हल्के बादल साफ बादल साफ बादल, अधिकतम सा.आर्द्रता 71%, 78%, 74%, 70%, 70% एवं न्यूनतम सा.आर्द्रता (प्रतिशत) 30%, 37%, 27%, 25%, 23% तथा हवा की गति 8, 10, 9,10, 6 व्यक्त की गई है। हवा की दिशा दक्षिण-पूर्व दक्षिण-पूर्व दक्षिण-पूर्व दक्षिण-पूर्व दक्षिण-पूर्व चलने की संभावना व्यक्त की गई है। मौसम सारांश आईएमडी भोपाल द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में मौसम को देखते हुये किसान भाइयो को सलाह दी गई है कि दमोह जिला में 03 जनवरी 2021 को घने बादल छाये रहने, अधिकतम तापमान 25-26 डिग्री. सेन्टीग्रेट एवं न्यूनतम तापमान 10-12 डिग्री. सेन्टीग्रेट तथा अधिकतम सापेक्षित आर्द्रता 70 से 78 प्रतिशत एवं न्यूनतम सापेक्षित आर्द्रता 23 से 37 प्रतिशत रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में हवा की दिशा उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पूर्व दिशा में चलने एवं हवा की गति 8-10 कि. मी. प्रति घंटे की गति से चलने की संभावना है। सामान्य सलाह गेहूँ की फसल में सिंचाई लगभग 20-25 दिन के अंतराल पर करें एवं जल भराव न होने दे। बादल छाए रहने की संभावना को देखते हुये दलहनी एवं तिलहानी फसलों मे माहू कीट की बढ़ने की संभावना है, इसके नियंत्रण हेतु थायोमेथाक्साम 25 डब्लू. जी. @250 ग्राम प्रति हे. की दर छिड़काव करे। चना सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने पर चना एवं मसूर में बुवाई के 40-50 दिन बाद सिंचाई करें। चने में इल्ली का प्रकोप होने की संभावना है। किटहारी पक्षियों की खेतों में सक्रियता बढ़ाने हेतु T या Y आकार की लकडियां 20-25 नग प्रति हेक्टर की दर से अलग-अलग स्थानों में लगाएं। व्यस्क कीटो कि निगरानी हेतु फिरोमेन ट्रेप 2 नग प्रति एकड़ की दर से लगाएं। फिरोमेन ट्रेप में वयस्क कीटो की उपस्थिति के आधार पर NPV नामक जैविक कीटनाशक 100 एल.ई प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल कर छिडकाव करें। चना की फसल में उकठा रोग का प्रकोप आ रहा हैं, इसके रोकथाम के लिए एजोक्सीस्ट्रोबिन 8.3 प्रतिशत मेंकोजेब 66.7 प्रतिशत डब्लू. डी. जी. @ 600 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे। गेंहू देरी से बोया हुआ गेहूं मुकुट जड़ की अवस्था में हैं, इस वक्त एक सिचाई देना बहुत जरुरी हैं, अत: किसान भाइयो को सिंचाई करने की सलाह दी जाती है। गेहूं की फसल कंसा फूटने की अवस्था में पहुंच गई है, इसलिए इस वक्त उर्वरक की सिफारिस की गई मात्रा का 25% देना जरुरी हैं। गेहूं के खेतो मे खरपतवार नियन्त्रण के लिए किसान भाई बुआई के 20-25 दिनो के बीच क्लोड़िनोंफाँप प्रोपेजाइल 15 प्रतिशत मेट्सल्फ़ुरोन मेथाइल 1 प्रतिशत डब्लू. जी. (व्यापारिक नाम वेस्टा 160 ग्राम प्रति एकड़ या 15 ग्राम प्रति पम्प) प्रति एकड़ की दर से पानी मे घोल बनाकर छिडकाव करे। अलसी कली अवस्था जल्दी बोई गयी अलसी की फसल फूल निकालने/फूलने की अवस्था में है। इस अवस्था में कली मक्खी लगने की संभावना रहती है। कली मक्खी से बचाव के लिए कली खिलने के पहले ही प्रोफेनोफोस 800 मि. ली. प्रति हे. की दर से छिड़काव करना लाभदायक होगा। सरसों मौसम पूर्वानुमान को देखते हुये सरसों में रसचुसक का प्रकोप बढ्ने की संभावना हैं, इसके नियंत्रण हेतु थायोमेथाक्साम 25 डब्लू. जी. @250 ग्राम प्रति हे. की दर छिड़काव करे। अरहर फली अवस्था अरहर मे फली भेदक कीट के नियत्रन हेतु इमामेक्टिन बेंजोएट 5 एस. जी.100 ग्राम रसायन को प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर मे घोल बनाकर छिड़काव करे। उद्यानकी फसले आलू आलू मे अगेती एवं पछेती अंगमारी का प्रकोप दिखाई देने पर नाटिवो 75 डबल्यू. जी. (Tebuconozole 50% Trifloxystrobin 25%) 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे। प्याज/लहसुन के लिये सामान्य सलाह प्याज में बैगनी धब्बा बीमारी दिखने या पत्तियां सूखने पर साफ नामक दवा को 2 ग्रा. प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। टमाटर फूल एवं फल किसान भाई 20 फिरोमेन ट्रेप प्रति हेक्टेयर प्रयोग कर भटा, टमाटर एवं भिंडी फसल में तना छेदक कीट का नियंत्रण करे। बैगन फूल एवं फल बैगन एंव टमाटर की फसल में जीवाणु जनित उकठा रोग के निदान हेतु जो पेड़ मर गए हों उन्हें उखाड़ दें तथा एक सप्ताह तक सिंचाई न करे। टपक सिचांई वाली फसलों में प्रकोप कम होता है। फूल गोभी बादल छाए रहने की संभावना को देखते हुए फुल गोभी को पकने के बाद काट दिया जाए, क्योकि बादल रहने से फुल गोभी का फुल खुलने की संभावना हैं, जिससे उसका बाजार रेट कम हो जायगा। हरी मटर मटर मे चुरनी फफूंदी का प्रकोप दिखने पर स्वाधीन या डेल्मा 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी मे घोल बनाकर छिड़काव करे।

Created On :   2 Jan 2021 2:23 PM IST

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