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अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त पर सर्राफा बाजार में ग्राहकों की भीड़
डिजिटल डेस्क, अकोला। दो वर्ष के लम्बे कोरोना संकट के दौर से धीरे-धीरे बाहर निकलते हुए सभी व्यापार अब गति पकड रहे है। वर्ष के साढे तीन मुहूर्तों में से एक अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर अकोला शहर तथा जिले में अभूतपूर्व गर्मी के बावजुद सराफा बाजार पूरे शबाब पर रहा। शहर की सभी सराफा दुकानों में खरीददारी के लिए जमकर भीड़ उमडी। पूरे दिन की तुलना में शाम के बाद सराफा, इलेक्ट्रानिक्स, आटो डिलर शोरुम, चार पहीया वाहनों के शोरुम, रेडिमेड कपड़ों की दुकान, बर्तन की दुकानों पर विविध सामग्री की खरीददारी के लिए अपने सामर्थ्य अनुसार सामग्री खरीदते ग्राहक नजर आए। जबकि अक्षय तृतीया पर लगनेवाली सामग्री खरीदने के लिए आम नागरिक भी बाजार मे नजर आए। अलबत्ता दोपहर के बाद शहर की मुख्य सड़कें वीरान नजर आई। लेकिन जैसे ही धूप कम हुई बाजार में रौनक बढ़ी तथा अलग-अलग दुकानों पर चहल-पहल देखी गई।
सर्राफा में बेहतर खरीददारी
अक्षय तृतीया के दिन अकोला के सराफा बाजार में सोना 52 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम बिका। जबकि चांदी 6600 रुपए प्रति 100 ग्राम रहा। जिससे सोना-चांदी खरीदनेवाले ग्राहक अपनी जेब टटोलकर खरीददारी करते दिखाई दिए। शहर के खंडेलवाल ज्वेलर्स के संचालक नितीन खंडेलवाल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि विगत दो वर्षों की तुलना में इस बार का यह पर्व व्यवसाय के हिसाब से बेहतर रहा, ग्राहकी अच्छी रही। वहीं ईशा ज्वेलर्स, पूनम ज्वेलर्स, विश्वकर्मा ज्वेलर्स, एकता ज्वेलर्स और मोहित ज्वेल्स समेंत शहर की सभी सराफा दुकानों में जमकर ग्राहकों ने खरीददारी की।
बाइक, इलेक्ट्रानिक सामग्री
शहर की दोपहीया वाहनों की विक्री करनेवाली अलग-अलग बाईक कंपनीयों की दुकानों पर नागरिकों ने अपनी पसंद के अनुसार वाहनों की अग्रीम बुकींग कर ली थी। जानकारी के अनुसार इस बार इलेक्ट्रानिक वाहनों की बुकींग बढ़ी है। अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर लोगों ने दोपहीया वाहन खरीदे, वहीं गर्मी की वजह से नियमित कुलर के अलावा फाइबर कोटिंग वाले कुलर, एयरकंडीशनर, वाशिंग मशीन, फ्रीज, माइक्रोवेव ओवन, टेलीविजन, होम थिएटर समेंत मोबाइल फोन की खरीददारी की गई। जबकि सामान्य तबके के नागरिकों ने घर में आवश्यक कपडे, आवश्यक बर्तन आदि की खरीददारी की। इंधन के दाम बढ़ने के कारण सभी चिजों की कीमते बढ़ी हुई पाई गई। फिर भी अपने सामर्थ्य अनुसार नागरिकों ने खरीदारी कर अक्षय तृतीया पर्व को यादगार बनाया।
अक्षय तृतीया का महत्व
इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर सामर्थ्य अनुसार जल, अनाज, गन्ना, दही, सत्तू, फल, सुराही, हाथ से बने पंखे, वस्त्रादि का दान करना विशेष फल प्रदान करने वाला माना गया जाता है। इस दिन व्रत करने वालो ने सुबह उठकर स्नान कर सेंके जौ नहीं तो गेंहू का आटा, परशुराम भगवान के लिए सब्जी का भोग लगाना, जवस, गेंहू, चना, दही, चावल, गन्ने का रस एवं धुपकाले में लगने वाली ज्यूस ऐसी वस्तुओं का सेवन आदि किया जाता है। उसी के साथ पितृश्राद्ध करके ब्राह्मण को भोजन भी अपनी परम्परा के अनुसार नागरिकों ने किया। शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्नान, दान, जप, होम, स्वाध्याय, तर्पण आदि जो भी कर्म किए जाते हैं, वे सब अक्षय हो जाते हैं। यह तिथि सम्पूर्ण पापों का नाश करने वाली एवं सभी सुखों को प्रदान करने वाली मानी गई है। यह सब अपने यथाशक्ति के अनुसार किया जाए, ऐसा वर्णन भगवान श्रीकृष्ण ने बताते हुए मदनरत्न ग्रंथ में किया है। इसी वजह से हम तृतीया को अक्षय तृतीया कहते है।
Created On :   4 May 2022 6:36 PM IST