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करोड़ों रुपए खर्च फिर भी काम अधूरा, पानी की हो रही बर्बादी
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डिजिटल डेस्क, रिसोड़। तहसील के ग्राम पलसखेड में तालाब का अधुरा कार्य किए जाने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । शासन समेत अधिकारियों की निष्क्रीयता और कामचलाऊ नीति के कारण करोड़ो रुपए खर्च करने के बावजूद इस तालाब में केवल 30 प्रतिशत जलसंचय ही हो रहा है । इसी प्रकार सांडवे से बड़े पैमाने पर जल का विसर्ग होने से गांव से सटे खेत परिसर में जाने के लिए किसानों को 8-10 किलोमीटर का फासला तय करना पड़ रहा है। केवल 30 प्रतिशत जल हो रहा संग्रहित {ग्राम पलसखेड में तालाब का काम वर्ष 2004 से लटका हुआ था । विविध प्रकार के आंदोलन और धरने के साथही ज्ञापन सौंपने के बाद जलाशय का जल रोकने का काम वर्ष 2019 में किया गया लेकिन तालाब में केवल 30 प्रतिशत ही जल संग्रहित हो रहा है तो 70 प्रतिशत पानी सांडवे से बहने के कारण शासन द्वारा इस जलाशय के लिए खर्च की गई करोड़ो की निधि व्यर्थ साबित हुई है । साथही जलाशय में आवश्यकतानुसार जल संग्रहण न हो पाने से किसान इस जलाशय के पानी से रबी मौसम तथा ग्रीष्म फसल फसल नहीं ले पा रहे है । इस कारण जलाशय का मुख्य हेतू साध्य नहीं हो पा रहा है । इस जलाशय में जिन किसानों की ज़मीनें गई उन्हें उसका पुरा मुआवज़ा अब तक नहीं मिल पाया है और इस ओर शासन की भी अनदेखी हो रही है । साथही पलसखेड के पुनर्वसन का काम भी अब तक प्रलंबित है । जलाशय का कार्य प्रलंबित होने से किसानों को खेतों में जाने के लिए रास्ता उपलब्ध नहीं है और उन्हें नदी किनारे के खेतों में जाने के लिए 8 से 10 किलोमीटर से रिसोड़ होते हुए जाना पड़ता है । क्योंकि पिछले 3 माह से तालाब के सांडवे से 3 से 4 फीट तक पानी बह रहा है । इसवर्ष जलाशय से सम्बंधित सभी समस्याएं तुरंत सुलझाने की मांग पलसखेड के किसानों ने की है।
Created On :   27 Oct 2021 5:58 PM IST