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उमरिया : करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी ठप पड़ी 500 बिजली यूनिट
डिजिटल डेस्क,उमरिया। अब तक कोयले की कमी से जूझ रहे संजय गांधी ताप केन्द्र मंगठार में 5 नंबर यूनिट नए सिरदर्द के साथ फिर बंद हो गई है। यूनिट के जनरेटर में फॉल्ट के चलते शनिवार रात से उत्पादन ठप हो गया। 210 मेगावाट की 3 नंबर यूनिट पहले से ही वार्षिक रख-रखाव में 25 दिनों से बंद पड़ी है। 500 यूनिट बंद होने से 1340 में से उत्पादन महज 480 तक पहुंच गया है।गौरतलब है कि अल्पबारिश के चलते पहले ही सिंचाई में बिजली की खपत व डिमांड बढ़ जाती है। इसके अलावा 10 दिनों बाद नवरात्र में लाइटिंग की डिमांड ज्यादा रहती है। प्रबंधन के मुताबिक फॉल्ट सुधार के लिए भोपाल से भेल कंपनी के विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। हफ्तेभर बाद ही दोबारा यूनिट चालू होने की संभावना है। यही हाल रहा तो त्यौहारों में कुप्रबंधन के चलते लोगों को बेवजह परेशानी होती दिख रही है।
डेढ़ माह तक चल रहा था मेंटनेंस
थर्मल पावर में युनिट फॉल्ट से बिजली कंपनी को करोड़ों का नुकसान होना बताया जा रहा है। 500 मेगावाट की 5वी यूनिट को जुलाई माह से 15 अगस्त को लाइटअप किया गया था। महीना भी नहीं हुआ ऐसी खराबी आई कि भोपाल से विशेषज्ञों की टीम बुलानी पड़ी। जनरेटर में हाइड्रोजन गैस लीकेज एवं हाइड्रोजन की खपत कई गुना अधिक हो गई थी। सुधार के नाम पर पूर्व में 10 दिन बंद कर काम भी हुआ। यूनिट चालू होने के साथ ही जनरेटर में लगने वाले हाइड्रोजन सिलेंडरों की खपत कई गुना बढ़ाई गई। बावजूद इसके शनिवार की रात मेजर फॉल्ट आने से पावर हाउस प्रबंधन करोड़ों के मत्थे उतर गया।
मेंटनेंस कार्य में लापरवाही !
जानकारों की मानें तो पावर हाउस में ज्यादातर निजी कंपनियों ने मंडल के निर्धारित रेट से प्रतिस्पर्धा कर टेंडर लिए हैं। निर्धारित करोड़ों के टेंडर लाखों रूपए में आकर होते हैं। मुनाफे के बाद भी बड़ी कंपनियां खुद काम न कर बल्कि पेटी कंट्रेक्टरों को काम देती है। यह सालों से देखने में आ रहा है। बताया जाता है यूनिट में बीएचईएल ने अपने विशेषज्ञ इंजीनियरों को भेजकर कुछ काम किया। बाकी किसी पेटी कांट्रेक्टर से करवाया गया था। कार्य की गुणवत्ता व स्तर क्या है यह सभी के समक्ष है।
आखिर कहां हो रही चूक ?
जिस जनरेटर में लीकेज एवं ज्यादा सिलेंडरों की खपत के चलते यूनिट बंद हुई। वह कार्य अभी वार्षिक रख-रखाव में लाखों रूपए में करवाया गया था। टरबाइन में सिलेंडर की दिक्कत काफी दिनों से बताई जा रही है। शुरू में सिलेंडर बढ़ाकर हालात काबू में लाने का प्रयास हुआ। जब पानी सिर के ऊपर हो गया तब जाकर यूनिट ही ठप हो गई। दूसरी ओर सूत्रों की मानें तो मेंटनेंस कार्य में कमीशनबाजी के चक्कर में यह पूरा खेल चलता है। जिसका खामियाजा व्यर्थ करोड़ों के रूप में जनता का उठाना पड़ता है।
मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड सीएमडी एपी भैरवे का कहना है कि रख-रखाव के समय बीएचईएल के विशेषज्ञों को जनरेटर में फॉल्ट समझ में नहीं आया था। जिस कारण यूनिट चालू कर दी गयी थी। अभी फाल्ट मिलने के कारण यूनिट को बंद कर पुन: विशेषज्ञों से दिखवाकर सुधार कार्य करवाया जाएगा।
Created On :   11 Sept 2017 2:06 PM IST