जर्जर नहरों और साफ सफाई न होने के कारण फसलें रह जाती हैं प्यासी

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
सीजन गुजर जाता है पर नहीं मिलता पानी   जर्जर नहरों और साफ सफाई न होने के कारण फसलें रह जाती हैं प्यासी

डिजिटल डेस्क,सिवनी। जिले की अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर है। रबी सीजन की बोवनी शुरु हो चुकी है। जिले में मुख्य रूप से गेहूं की फसल इस सीजन में बोई जाती है। गेहूं की फसल के लिए किसानों को अब पानी की आवश्यकता है। इस साल अच्छी बारिश के कारण जलाशय भी लबालब भरे हुए हैं, लेकिन केवलारी क्षेत्र में नहरों की स्थिति जर्जर होने के कारण किसानों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

केवलारी क्षेत्र में दर्जनों ऐसे गांव हैं, जिन्हें भीमगढ़ बांध की नहरों का फायदा नहीं मिल पा रहा है। दशकों पुरानी नहरों के खराब हो जाने, जगह-जगह टूट फूट और हाल के बारिश के मौसम में उगे खरपतवारों के कारण तीस फीसदी से अधिक पानी यूं ही बह जाता है। किसानों ने केवलारी क्षेत्र में पिछले साल पानी की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया था। जिसमें चकाजाम, केवलारी मुख्यालय में घेराव जैसे आंदोलन हुए थे। इस बार फिर दिन गुजरने के साथ साथ किसानों की परेशानी बढऩे लगी है।

केवलारी क्षेत्र 792 किमी नहरें
केवलारी क्षेत्र में एशिया के पहले मिट्टी के बांध भीमगढ़ से निकलकर नहरें फैली हुई हैं। क्षेत्र में इन नहरों की कुल लंबाई 792 किलोमीटर है। जिसमें टीएलबीसी मेन कैनाल 70 किलोमीटर लंबी है। इसके अंर्तगत डिस्ट्रीब्यूटरी और माइनर नहरों की लंबाई 256 किलोमीटर है। इस प्रकार बीआरसी मैन कैनाल की लंबाई 41 किलोमीटर है, जिसमें टेल ब्रांच की लंबाई 4 किलोमीटर, टेल माइनर की लंबाई 7.49 किलोमीटर, डिस्ट्रीब्यूटरी कैनाल की लंबाई 151 किलोमीटर है और माइनर, सब माइनर कैनाल की लंबाई 2.5 किमी है।

अंतिम छोर के गांव पानी से वंचित

नहरों की मरम्मत और साफ सफाई न किए जाने से पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पा रहा है। केवलारी क्षेत्र के डोकररांजी, जामुनपानी, बगलई, कोहका, कड़वे, कछारी, अर्जुनझिर, कुम्हड़ा, सरेखा, बगलई, भादूटोला, गुबरिया, डुंगरिया, कोहका, रायखेड़ा, चांदनखेड़ा, तिंदुआ, बख्शी, छींदा, माल्हनवाड़ा, खुर्सीपार, पोंगार, सर्रई, अलोनीखापा, पीपरदौन आदि गांवों में पानी नहीं मिल पाता है। केवलारी वितरक नहर मलारी, बिनेकी, मरकावाड़ा, केवलारी में भी पानी नहीं मिल पाता है। किसान सतेंद्र चंदेल, गंगाराम साहू, अशोक ठाकुर, कोमल बघेल, रवि बघेल आदि का कहना है कि इन नहरों की लाइनिंग शीघ्र की जाए और नियमित साफ सफाई की जाए।  

200 करोड़ से होगा सीमेंटीकरण  

केवलारी क्षेत्र की नहरों का दो सौ करोड़ रुपए से अधिक से सीमेंटीकरण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदेश शासन से मिल चुकी है, लेकिन अभी इस संबंध में अन्य प्रक्रियाएं पूर्ण न होने से काम प्रारंभ नहीं हो पाया है। काम प्रारंभ होने के बाद नहरों के पक्के हो जाने से पानी की क्षति भी रुक सकेगी। साथ ही किसानों को भी अंतिम छोर तक पानी मिल सकेगा।
 

Created On :   29 Nov 2022 5:09 PM IST

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