बांध के ओवरफ्लो पानी से बर्बाद हो रही फसल - टेंडर के 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ नहर का निर्माण

Crop wasting due to dam overflow water - Canal not constructed even after 6 years of tender
बांध के ओवरफ्लो पानी से बर्बाद हो रही फसल - टेंडर के 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ नहर का निर्माण
बांध के ओवरफ्लो पानी से बर्बाद हो रही फसल - टेंडर के 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ नहर का निर्माण

डिजिटल डेस्क अनूपपुर । जिले के पुष्पराजगढ़ क्षेत्र के ग्राम बहपुर में नहर निर्माण नहीं होने से बांध का पानी ओवरफ्लो होकर किसानों के खेतों में पहुंच रहा है और फसलें खराब हो रही हैं। इसके अलावा बांध के नीचे नीचे के दो तालाबों में भी भर गया है, जिससे तालाब की मेढ़ टूटने की कगार पर पहुंच गई है। नहर निर्माण का टेंडर करीब छह वर्ष पहले किया गया था, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। 
जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2014 में लगभग 5 करोड़ की लागत से यहां बांध का निर्माण कराया गया था। 2014 में ही नहर निर्माण का टेंडर भी हो गया था। करीब 32 लाख की लागत से नहर का निर्माण होना था, लेकिन 6 वर्ष बाद भी ठेकेदार द्वारा नहर का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है। नहर नहीं बनने से बांध का ओवरफ्लो पानी कैनाल से होकर तेज बहाव के साथ सीधे किसानों के खेतों में जाता है। जिससे सैकड़ों किसानों की फसलों पर खतरा मंडराने लगा है। इस संबंध में उपयंत्री श्री सूर्यवंशी ने बताया कि ठेकेदार द्वारा लगभग 24 लाख की राशि से नहर निर्माण कार्य कराया जा चुका है। सिर्फ  आठ लाख का कार्य शेष है। जबकि गांव वालों का कहना है कि नहर बनी ही नहीं है। 
पिछले वर्ष भी फसल हुई थी बर्बाद
वर्ष 2019 में भी बहपुर बांध में पानी अधिक भर जाने के कारण ओवरफ्लो पानी को जल संसाधन विभाग द्वारा कैनाल के माध्यम से निकाला गया था। पानी का बहाव इतना तेज था कि 50 किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। इसकी शिकायत उच्च विभागीय अधिकारियों एवं कलेक्टर से की गई थी। इसके बावजूद न तो नहर का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया और ना ही अन्य उपाय किए गए। इस वर्ष भी वही स्थिति बन रही है।
450 हेक्टेयर भूमि में होनी थी सिंचाई
बहपुर बांध का निर्माण कार्य 2 पार्ट में कराया गया था। प्रथम पार्ट में काम के बदले अनाज एवं दूसरे पार्ट में राशि स्वीकृत की गई थी। दोनों को मिलाकर लगभग 5 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य कराया गया था। नहर के माध्यम से किसानों की 450 हेक्टेयर भूमि सिंचित किए जाने का प्रावधान था, नहर का काम पूरा नहीं होने से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा मुख्य अभियंता से भी शिकायत की गई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। 450 हेक्टेयर क्षेत्र के किसान आज भी सिंचाई से वंचित हैं। 
इनका कहना है
इस संबंध कार्यपालन यंत्री से पूरे मामले की जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
आरटी तिवारी अधीक्षण यंत्री शहडोल
 

Created On :   10 Aug 2020 4:09 PM IST

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