प्रशासनिक अधिकारियों और मंत्रियों के साथ मंच पर दिखे फरार अपराधी

Criminals appear on stage with administrative officials and ministers
प्रशासनिक अधिकारियों और मंत्रियों के साथ मंच पर दिखे फरार अपराधी
प्रशासनिक अधिकारियों और मंत्रियों के साथ मंच पर दिखे फरार अपराधी

डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । जिले में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन का दौर चल रहा है। जिले के लोगों का दुर्भाग्य है कि उनकी जायज मांगों की पूर्ति की जगह कानून की गलत व्याख्या कर लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने का कुसंगत प्रयास किया जा रहा है। शोषित पीडि़त किसानों की आवाज उठाने वाले पत्रकारों को भी परेशान किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर गंभीर आपराधिक मामलों में फरार अपराधी जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री व मंत्रियों के साथ मंच साझा कर रहे हैं। नरसिंहपुर विधायक एवं उनके पुत्र हत्या के प्रयास और अवैध हथियार रखने के मामले में खुले घूम रहे हैं।
यह आरोप विचार मध्यप्रदेश के संयोजक विनायक परिहार ने जिला मुख्यालय में बुधवार को आयोजित प्रेस कांफेंस में लगाए। श्री परिहार ने स्पष्ट किया कि एनटीपीसी आंदोलन में धारा 151, 107-116 के तहत दर्ज प्रकरणों में सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के आदेश को नजर अंदाज करते हुए जनता की आवाज दवाने 29 लोगों को नियमविरूद्ध 10 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया। आंदोलनकारियों पर एसीएसटी की श्रेणी में नहीं आता है। कुछ आंदोलनकारी जो स्वयं अनुसूचित जाति से है उन पर भी एससीएसटी एक्ट लगाया गया है।
श्री परिहार ने कहा कि तीन साल पुराने मामले में हत्या का प्रयास, संगठित अपराध व अवैध हथियार रखने जैसे संगीन मामलों में नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटैल, उनका पुत्र मोनू पटैल अधिकारियों के साथ खुलेआम घूम रहे हैं। जिसमें एसआईटी द्वारा तीन साल से तलाश करने एवं दबिश देने जैसी बात तो की जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री एवं मंत्री के साथ मंचासीन रहने के बाद भी गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है?  श्री परिहार ने कहा कि संगीन मामले के संबंध में एसआईटी इन्हें फरार घोषित किए हैं, क्या इसकी जानकारी नरसिंहपुर कलेक्टर व एसपी को नहीं है।
                                       श्री परिहार ने मांग की है कि फरार विधायक सहित अन्य आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। शांतिपूर्ण ढंग से अपने अधिकार की लड़ाई लडऩे वाले किसानों व पत्रकारों पर दर्ज सभी मामले वापस लिए जाएं। एससीएसटी एक्ट का दुरूपयोग करने वाले प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों एवं झूठी शिकायत करने वाले एनटीपीसी के अधिकारियों को तत्काल बरखास्त किया जाए। इस संबंध में प्रदेश के राज्यपाल, राष्ट्रपति के नाम आवेदन दिए जा रहे हैं। यदि शासन द्वारा मांगें नहीं मानी गई तो न्यायालय में अवमानना की याचिका दायर कर लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने वाले हर षडय़ंत्र का हर स्तर पर प्रतिकार करेंगे। इस अवसर पर डाक्टर संजीव चांदोरकर, महंत प्रीतमपुरी गोस्वामी एवं धनंजय शर्मा भी मौजूद रहे।

 

Created On :   31 Jan 2018 1:52 PM IST

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