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पंचायत आरक्षण की सुगबुगाहट के साथ सक्रिय हुये दावेदार
डिजिटल डेस्क सीधी। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव की तिथि भले ही घोषित नहीं हुई है किंतु आरक्षण की प्रक्रिया इसी माह संपन्न होगी। जैसे ही आरक्षण प्रक्रिया पूरी हो जाएगी उसके बाद दावेदारों की संख्या में कमी नहीं रहेगी। खासकर अनारक्षित सीटों में कई दावेदार पहले से ही चुनाव लडऩे के लिए मन बनाये हुए हैं लेकिन आरक्षण प्रक्रिया को लेकर लोगों में बेसब्री से इंतजार बना हुआ है।
देखा जाये तो पिछली पंचवर्षीय में त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव जनवरी महीने से ही शुरू किया गया था लेकिन इस बार प्रदेश सरकार द्वारा चुनाव को लेकर खास निर्णय न लेने को लेकर हीलाहवाली की जा रही है। फिर भी अब आरक्षण की प्रक्रिया का आदेश मिलने के बाद दावेदारों में बेचैनी बनी हुई है। आरक्षण प्रक्रिया के तहत पंचायतों में सरपंचों का आरक्षण की कार्यवाही 27 जनवरी एवं जिला पंचायत तथा जनपद पंचायतों में वार्डों के आरक्षण के साथ अध्यक्ष के आरक्षण की प्रक्रिया 30 जनवरी को होगी। लोगों की सर्वाधिक निगाहे जिला पंचायत के आरक्षण को लेकर है। पहले तो अध्यक्ष किस वर्ग के लिए आरक्षित होता है वहीं जिन वार्डों में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के लिए आरक्षण के तहत अनारक्षित सीट होंगी वहां सर्वाधिक घमाशान होने की उम्मीद मानी जा सकती है। इसी तरह सरपंच पदों के लिए भी दावेदारों की संख्या कम नहीं रहती है। सामान्य वर्ग के जिन पंचायतों में सरपंच पद के लिए सीटें आरक्षित होंगी वहां दावेदार अभी से चुनाव अभियान का बिगुल फूंकना शुरू कर देंगे। यह भले ही चुनाव की तिथि कब तय होती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन आरक्षण को लेकर नेताओं सहित आम जनता को भी इंतजार था।
जनता सीधे चुनेगी सरपंच
पहले यह तय था कि पंचों द्वारा सरपंचों का चयन किया जाएगा लेकिन अब इस पर सुधार करते हुए पंचों का चुनाव तो होना ही है लेकिन सरपंच का चयन पंचायतों की जनता ही सीधे तौर पर करेगी। जिस वजह से लोगों में उत्साह भी है कि सरपंच का चयन यदि सीधे जनता करती है तो उसका फायदा मिलेगा यदि पंचों के माध्यम से चयन होता तो कही न कहीं खरीद-फरोक्त का मामला भी सामने आ सकता था। हालांकि पंचायतों के चुनाव को लेकर लोगों की दिलचस्पी आरक्षण के इंतजार के बाद खत्म होगी वहीं संबंधित पंचायतों में दावेदार दम-खम दिखाना शुरू कर देंगे।
जिपं के बढ़ गये तीन वार्ड
आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि किस बार्ड में किस वर्ग के लिए आरक्षण प्रक्रिया की गई हैं। उसके बाद नेताओं की खलबली चुनाव लडऩे को लेकर बन जाएगी। फिलहाल देखा जाये तो पिछली बार तक जिला पंचायत में कुल 15 वार्ड थे जिसमे कि इस बार परसीमन के बाद तीन वार्ड और बढ़ा दिये गये हैं। इस तरह अब जिला पंचायत में 18 सदस्य चुने जाएंगे। जिनके माध्यम से अध्यक्ष का चयन निर्वाचित सदस्यों द्वारा होना है। इसी तरह जनपद पंचायतों का भी अध्यक्ष का चयन निर्वाचित सदस्यों द्वारा करने का फरमान पहले की तरह इस बार भी यथावत रखा गया है।
Created On :   24 Jan 2020 2:54 PM IST