शुरू होगा मनमाड-इंदौर रेल मार्ग का कार्य, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश का पैसे देने से इंकार

Construction of Manmad-Indore railway line will start in 6 months
शुरू होगा मनमाड-इंदौर रेल मार्ग का कार्य, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश का पैसे देने से इंकार
शुरू होगा मनमाड-इंदौर रेल मार्ग का कार्य, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश का पैसे देने से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनमाड़-इंदौर रेल मार्ग का निर्माण अगले छह महीनों में शुरू होगा। केंद्र सरकार के जहाजरानी मंत्रालय पोर्ट-रेल कनेक्टिविटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के माध्यम से यह रेल मार्ग बनाया जाएगा। बुधवार को केंद्रीय जहाजरानी एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह रेल मार्ग बनाने में रेल मंत्रालय भी सहयोग करेगा। रेल मार्ग बनाने में 6 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। परियोजना के लिए लगने वाली जमीन महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सरकार मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। दोनों सरकारों ने सैद्धांतिक रूप से इसकी मंजूरी दी है। गडकरी ने बताया कि जवाहर लाल नेहरु पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) के जरिए 1.50 प्रतिशत की दर से 6 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेंगे। उन्होंने बताया कि परियोजना के संबंध में अगले 10 दिनों में दिल्ली में बैठक बुलाई गई है।

महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश का पैसे देने से इंकार
गडकरी ने बताया कि पहले यह तय हुआ था कि रेल मार्ग के लिए महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सरकार 25-25 प्रतिशत निधि देगी। 50 प्रतिशत निधि रेल मंत्रालय खर्च करेगा। लेकिन दोनो प्रदेशों की सरकार ने पैसे देने से इनकार कर दिया है। रेल मंत्रालय भी आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसके मद्देनजर नया फार्मूला तैयार किया है। जिसके तहत परियोजना का पूरा खर्च जहाजरानी मंत्रालय उठाएगा। इस दौरान गडकरी ने कहा कि मंत्रालय की तरफ से देश भर में 35 लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे। इसके लिए 2 लाख करोड़ रुपए के करार हुए हैं। योजना यह है कि मुंबई से 10 टन की बजाय 40 टन क्षमता वाले ट्रक में माल दिल्ली ले जाया जाए। दिल्ली के रिंग रोड पर माल उतार दिया जाएगा। इससे लागत कम हो जाएगी। उन्होंने बताया कि हमने वसई-विरार के ब्रिज के पास सॉल्ट पैन की 350 एकड़ जमीन मांगी है। मुंबई में आने वाले कंटेनर को यही पर उतार दिया जाएगा। इससे महानगर में ट्रैफिक जाम और पर्यावरण की समस्या खत्म हो जाएगी। केंद्र सरकार लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है। सरकार चीन की तरह लॉजिस्टिक कॉस्ट को 18 प्रतिशत से कम कर 12 प्रतिशत तक लाना चाहती है। यदि ऐसा होता है दो देश में निर्यात की क्षमता बढ़ जाएगी।

Created On :   8 Nov 2017 4:59 PM GMT

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