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जिले में अनेक स्थानों पर बरसे मेघ, तुअर और चना उत्पादक किसानों की बढ़ी चिंता
डिजिटल डेस्क, वर्धा. जिले के विविध स्थानों पर बीती रात झमाझम बारिश हुई। जिसके चलते तुअर और चने की बुआई करने वाले किसानों में विविध प्रकार की होने वाली समस्याओं को लेकर चिंता का वातावरण बना हुआ है। बता दें कि, 9 से 10 दिनों से बदरीला मौसम बना हुआ है। मौसम में हुए परिवर्तन के कारण ठंड कम हो गई है। बादलों के कारण किसानों में पहले ही चिंता बनी हुई थी। इस बीच बीती रात वर्धा शहर समेत जिले के विविध क्षेत्र में बारिश होने से तुअर की फसलों पर इल्ली के प्रकोप का खतरा बन गया है। वहीं दूसरी ओर गेहूं की फसल के लिए वर्तमान में पानी की आवश्यकता होने से उक्त फसलों की बुआई करने वाले किसानों को बारिश ने राहत दी है। जिसके कारण कुछ किसान बारिश के कारण खुश हैं तो कुछ पर गम के बादल मंडरा रहे हैं। मौसम में बार-बार हो रहे परिवर्तन के कारण अस्पताल में खांसी, सर्दी और वायरल के मरीजों में इजाफा देखने को मिल रहा है। जिसके चलते जिला शासकीय अस्पताल के साथ निजी अस्पताल में भी मरीजों की भरमार देखी जा रही है। मौसम में परिवर्तन होने से सामान्यजन के साथ किसान वर्ग में भी समस्याएं निर्माण कर दी है। जिसके चलते किसानों और नागरिकों में मौसम अनुसार फिर ठंड महसूस किए जाने का इंतजार हो रहा है।
कहीं लाभ कहीं नुकसान : गेहूं की बुआई करने वाले किसानों को फसलों के लिए इस समय पानी की आवश्यक्ता है। जिसके चलते हो रही बारिश से उक्त फसलों की बुआई करने वाले किसानों में समाधान भरा वातावरण है। वहीं बारिश के कारण चने की फसल पर मररोग की समस्या और तुअर में फूल झड़ने की समस्या ने किसानों को चिंता में डाल दिया है।
तापमान 19.1 डि.से. दर्ज
कुछ दिन पूर्व 11 डि.से. तक लुढ़कने वाला पारा मौसम में बदलाव के कारण शनिवार को 19.1 डि.से. दर्ज किया गया। जिसके कारण वर्तमान में सर्द न के बराबर महसूस किया जा रहा है।
विवाह समारोह में पड़ गया खलल
बीती रात अचानक हुई झमाझम बारिश ने शहर के विविध लॉन में चल रहे वैवाहिक कार्यक्रम में विघ्न डाल दिया। जिसके चलते अनेक लॉन में शेड की व्यवस्था नहीं होने से चल रहे भोजन के कार्यक्रम अस्त व्यस्त हो जाने से कार्यक्रम खराब हो गए।
इल्लियों के प्रकोप ने बढ़ाई परेशानी
बाला माउस्कर, किसान के मुताबिक पिछले दिनों पड़ रही ठंड के कारण तुअर की फसल अच्छी होने की संभावना बनी हुई थी, लेकिन वर्तमान में बेमौसम बारिश ने उन संभावनाओं को कम कर दिया है। बारिश के कारण तुअर पर उग आए फूल झड़ने के साथ ही इल्लियों का प्रकोप हो सकता है। जिसके कारण फिर किसानों को फसलों के नुकसान की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
Created On :   18 Dec 2022 9:08 PM IST