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कल से 8वीं से 12वीं तक की कक्षाएं होंगी शुरू
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों के चलते जारी आदेशों के तहत जिले की स्कूलों के द्वारों पर ताले बंद हो चुके हैं। बंद स्कूलों को शीघ्र शुरू करवाने वैज्ञानिक आधार पर शासन, प्रशासन ने निर्णय लिया है। निर्णय के तहत आगामी 1 फरवरी से जिले की स्कूलों के बंद द्वारा खोले जाएंंगे। स्कूलों में घंटी बजने की प्रतीक्षा कर रहे विद्यार्थियों के चेहरों पर मुस्कान झलक रही है। वहीं वीरान स्कूलों में विद्यार्थियों की मौजूदगी से फिर से चहल-पहल दिखेंगी। इस संदर्भ में बाल रोग विशेषज्ञों ने कहा है कि, कोरोना की तीसरी लहर में साधारण तौर पर संक्रमितों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके बावजूद बच्चों में खतरे की आशंका न के बराबर है। जिन विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन हो चुका है। उन विद्यार्थियों को स्कूल में भेजने से कोई खतरा नहीं होने की बात बाल रोग विशेषज्ञों ने कही।
यहां बता दें कि, ग्रामीण क्षेत्र में कक्षा आठवीं से बारहवीं तक की स्कूलों को शुरू करने की अनुमति दे दी गई है। उसी तरह शहरी क्षेत्र में कक्षा दसवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं 1 फरवरी से शुरू की जाएगी। विद्यार्थियों में कोरोना संक्रमण का खतरा न के बराबर होने से शासन निर्णय को योग्य ठहराया जा रहा है। जिन स्कूलों को प्रशासन ने खुलवाने की अनुमति दी है। उन स्कूलों में विद्यार्थियों के पालकों ने सजगता बरतते हुए अपने पाल्यों को स्कूलों में भिजवाने से कोई परेशानी नहीं होने की बात बाल विशेषज्ञों द्वारा कही गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा आठवीं से बारहवीं तक की स्कूलों को 3 से 4 घंटे तक लेने की अनुमति जिलाधिकारी ने दे दी है। इस निर्णय का विद्यार्थी व पालकों द्वारा स्वागत किया जा रहा है।
उनके निराश चेहरों पर खुशिंयां लौटते नजर आ रही है। जो कुछ माह से स्कूलों के खुलने की प्रतीक्षा में निराश बैठे थे। आगामी 1 फरवरी से जिले की बंद स्कूलों के द्वारों पर लगे ताले खुलने की चर्चाओं से विद्यार्थियों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ने के साथ ही घंटी की गूंज भी सुनाई देंगी।
शतप्रतिशत वैक्सीनेशन जरूरी : विद्यार्थियों के पालकों द्वारा शतप्रतिशत वैक्सीनेशन करने की दृष्टि से उन्हें प्रोत्साहित करने की ज्यादा जरूरत है। जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है। उन स्कूलों में सुबह व दोपहर में कक्षाएं शुरू रखनी चाहिए। स्कूलों में शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थियों ने कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन कर मॉस्क लगाना अनिवार्य है।
नियमों का कड़ाई से पालन जरूरी
डा. प्रदीप गुजर, बाल रोग विशेषज्ञ के मुताबिक जिन स्थानों पर संक्रमित मरीज नहीं है, उन जगहों पर पाल्यों को भेजने पर कोई दिक्क्त नहीं है। सभी मार्गदर्शक तत्वों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। शहर में छोटे बच्चों को कोरोना का असर कम होने तक भीड़ से बचने में सावधानी बरतनी चाहिए।
Created On :   31 Jan 2022 5:40 PM IST