विधायकों से माफी मांगने सदन में आए मुख्य सचिव, उपमुख्यमंत्री ने कहा - गलती दोबारा नहीं होगी - माफ करें

Chief Secretary came to the House and apologize to the MLAs
विधायकों से माफी मांगने सदन में आए मुख्य सचिव, उपमुख्यमंत्री ने कहा - गलती दोबारा नहीं होगी - माफ करें
विधायकों से माफी मांगने सदन में आए मुख्य सचिव, उपमुख्यमंत्री ने कहा - गलती दोबारा नहीं होगी - माफ करें

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नागपुर में आयोजित शीत सत्र के दौरान सदस्यों द्वारा उठाए गए ज्यादातर औचित्य के मुद्दे के तहत जवाब न दिए जाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव अजोय मेहता को शाम साढ़े पांच बजे तक सदन के कटघरे में खड़े रहने और सदस्यों से माफी मांगने को कहा। लेकिन बाद में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सरकार की ओर से माफी मांगने और फैसले को वापस लेने की अपील करने के बाद उन्होंने अपना आदेश वापस ले लिया। राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने अध्यक्ष से थोड़ा लचीला रुख अपनाने की अपील की जिसके बाद पटोले ने अपना आदेश वापस ले लिया। पटोले ने कहा कि पिछले साल दिसंबर महीने में नागपुर में आयोजित शीत सत्र के दौरान सदस्यों ने 83 औचित्य के मुद्दे उठाए थे लेकिन इनमें से सिर्फ 4 के जवाब दिए गए। उन्होंने कहा कि मैं अपने अधिकारों का इस्तेमाल सदस्यों के अधिकारों के लिए करूंगा। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अध्यक्ष के आदेश को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।

तहसीलदार-थानेदार भी विधायकों का नहीं करते सम्मान

अधिकारियों के काम करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए पटोले ने कहा कि तहसीलदार और थानेदार भी विधायकों की इज्जत नहीं करते और उनके भेजे हुए पत्र कचरे के डिब्बे में फेंक देते हैं। मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा और जवाब में देरी और जनप्रतिनिधियों से बदसलूकी के लिए मुख्य सचिव को जिम्मेदार माना जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष पटोले ने कहा कि सदस्य प्रश्नकाल के बाद औचित्य के मुद्दे के तहत अपने क्षेत्र की समस्याएं सदन में उठातें हैं तो प्रशासन को उन्हें एक महीने के भीतर जवाब देना चाहिए। सदन में उठाए गए सवालों के जवाब तय समयसीमा में देना संबंधित विभागों की जिम्मेदारी है। लेकिन सचिव और अन्य अधिकारी अध्यक्ष के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते। सदस्यों ने मेजें थपथपाकर पटोले के रुख का स्वागत किया लेकिन उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मैं सरकार की ओर से माफी मांगता हूं।

आपका अधिकार सर्वोपरि है लेकिन यह सजा बेहद कड़ी है और इससे पहले कभी इस तरह मुख्य सचिव को सजा नहीं दी गई। उन्होंने अध्यक्ष से थोड़ा नरम रुख अपनाने की अपील की। पवार ने कहा कि मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ बैठक कर मैं उन्हें हिदायत दूंगा, सरकार की ओर से मै आश्वासन देता हूं कि ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। फडणवीस ने भी पटोले से कहा कि हम सदस्यों के अधिकारों की रक्षा की आपकी भावनाएं समझते हैं लेकिन उपमुख्यमंत्री ने माफी मांग ली है अब मामला खत्म कर देना चाहिए। थोरात ने भी पटोले से नरमी बरतने की अपील की। जिसके बाद पटोले ने अपना आदेश वापस ले लिया। 

 

Created On :   2 March 2020 6:54 PM IST

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