नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देकर हासिल करेंगे सर्वश्रेष्ठ परिणाम

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नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देकर हासिल करेंगे सर्वश्रेष्ठ परिणाम

डिजिटल डेस्क, अशोकनगर। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रदेश के कुल विद्युत उत्पादन में नवकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है। इसे निरंतर बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों को मध्यप्रदेश आने का आमंत्रण देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश इस क्षेत्र में आदर्श प्रदेश है। निवेशकों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। प्रदेश के मुरैना, सागर, दमोह और रतलाम जिलों में 5 हजार मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के, सौर ऊर्जा परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के स्वप्न को साकार करने में मध्यप्रदेश सहभागी बनेगा। नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए समस्त बाधाओं को दूर कर सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा तीसरे वैश्विक नवकरणीय ऊर्जा निवेश सम्मेलन (थर्ड ग्लोबल आरई इन्वेस्ट रिनेवेबिल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एण्ड एक्स-पो) के सत्र को संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर.के. सिंह ने कहा कि इस बैठक और सम्मेलन का उद्देश्य इस क्षेत्र में निवेश वृद्धि के लिए राज्यों की भागीदारी बढ़ाना है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा इस तीन दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन दिए गए संबोधन से इस क्षेत्र के विकास के प्रति उनकी रूचि और प्राथमिकता की दृष्टि की जानकारी प्राप्त होती है। सम्मेलन में आज मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर और लद्दाख के उप राज्यपाल श्री राधाकृष्ण माथुर ने भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति की जानकारी देते हुए बताया वर्ष 2012 में 438 मेगावॉट से बढ़कर आज 5000 मेगा वाट नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन हो रहा है जो 12 गुना ज्यादा है। रीवा में विश्व की बड़ी परियोजनाओं में 750 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की गई। इस परियोजना से प्राप्त बिजली की कीमत सबसे कम 2.97 प्रति यूनिट प्राप्त हुई। देश में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। गत वर्षो में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि धरती का तापमान बढ़ रहा है। यह जलवायु परिवर्तन विचारणीय और चिंतनीय है। वर्ष 2050 तक 2 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान बढ़ने की आशंका विश्व के लिए भी चिंता का विषय है। पर्यावरण को बचाना आवश्यक है, धरती को बचाते हुए विकास की गति जारी रखना है। पर्यावरण और विकास का संतुलन स्थापित करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रीवा में 750 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र के शुभारंभ अवसर पर मंत्र दिया था कि जब भी हम भविष्य की ऊर्जा की बात करें, हमारे सामने वर्तमान के गरीब की झोपड़ी का चित्र आना चाहिए और अंतिम पंक्ति का व्यक्ति ही हमारी प्रेरणा का केन्द्र और ताकत है। नवकरणीय ऊर्जा को बेहतरीन विकल्प माना गया है क्योंकि यह प्योर, श्योर और सेक्योर है। मध्यप्रदेश इसी दिशा में प्रयास कर रहा है। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री श्री मोदी के वर्ष 2022 तक एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के संकल्प को पूरा करने में सहयोगी होगा। प्रदेश का सौर ऊर्जा उत्पादन 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार मेगावाट तक किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में 21 हजार 500 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं। वर्ष 2022 तक एक लाख सोलर पंप की स्थापना का लक्ष्य है। अक्षय ऊर्जा उपकरणों के विक्रय के लिए सभी जिलों में निजी इकाइयों को प्रोत्साहित कर 244 अक्षय ऊर्जा शॉप प्रारंभ की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में वर्ष 2014 में नीमच में 130 मेगावाट और मंदसौर में वर्ष 2017 में 250 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना स्थापित की गई। रीवा में 750 मेगावाट की इकाइयों की स्थापना से इतिहास रचा गया। प्रदेश में ऐसी परियोजनाओं के विद्युत निकास के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के अंतर्गत 2900 किलोमीटर लाइन और 11 सब स्टेशन का विकास हो रहा है। प्रदेश में 15 पावर ग्रिड सब स्टेशन में लगे हैं। गुजरात में मोदी जी ने नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में श्रेष्ठतम कार्य करते हुए फ्लोटिंग प्लांट की पहल की।

Created On :   28 Nov 2020 3:14 PM IST

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