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कृषि, निरोगी स्वास्थ्य के लिए सेंद्रिय खेती की जरूरत
डिजिटल डेस्क, अकोला। डा पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय, अकोला कृषि विभाग, कृषि तकनीक व्यवस्थापन यंत्रणा(आत्मा), अकोला जिला कृषि समिति, महाराष्ट्र एग्रो एपेक्स, श्री श्री इस्टिटयूट ऑफ एग्रीकल्चरल एन्ड टेक्नालॉजी ट्रस्ट, आर्ट ऑफ लिविंग, बैंगलोर, आर्ट ऑफ ग, जय गजानन कृषि मित्र परिवार के तत्वाधान में सेंद्रिय खेती कार्यशाला का आयोजन पीकेवी के कुलगुरू डाक्टर विलास भाले की अध्यक्षा में किया गया था। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि समृध्द खेती, निरोगी स्वास्थ्य के लिए सेंद्रिय खेती की आवश्यकता है। संत गजानन महाराज, श्री श्री रविशंकर , भाऊसाहेब डा पंजाबराव देशमुख की प्रतिमा का पूजन कर दीप प्रज्जवलन किया गया। महाराष्ट्र एग्रो अपेक्स के विदर्भ समन्वयक जे टी कराले ने अपने प्रास्ताविक में कार्यशाला का उद्देश्य व श्री श्री रविशंकर जी के संदेश के अनुसार रसायनमुक्त खेती, विष मुक्त आहार इस संकल्पना को ध्यान में रखते हुए जानकारी दी। सेंद्रिय खेती का प्रमाण बढे, किसानों को नफा मिले, जमीन जीवित रहे इसके लिए प्रत्येक गांव में श्री श्री किसान मंच की स्थापना करने की अपील की। महाराष्ट्र एपेक्स के संस्थापक अध्यक्ष डा रामकृष्ण मुले व पुणे के कृषि सहसंचालक डा पांडुरंग शेलके, आर्ट ऑफ लिव्हिंग के महाराष्ट्र राज्य समन्वय जे डी मामगडे ने आर्ट ऑफ लिव्हिंग के कृषि क्षेत्र के नैसर्गिक खेती की संकल्पना, प्रशिक्षण, प्रात्यक्षिक, प्रमाणीकर, पैकेजिंग, ब्रॉण्डिंग, मार्केटिंग देने की प्रक्रिया की जानकारी दी। इसके अलावा कार्यक्रम में कृषि विभाग से सम्बन्धित अधिकारी के अलावा महाबीज के विभागीय व्यवस्थापक जगदीश खोलकर उपस्थिति थे। इस सम्मेलन में सेंद्रिय खेती को सफलतापूर्वक करने वाले किसान दिग्रस निवासी राजेंद्र ताले, बुलढाणा के कैलास बांगर, कपास के एसडीपीए पध्दती से बुआई करने वाले दिलीप ठाकरे, विनोद इंगोले, गोपाल हागे का मानचित्र देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सूत्र संचालन कृषि विस्तार अधिकारी रोहिदास भोयर तथा आभार प्रदर्शन जय गजानन मित्र कृषि परिवार के मार्गदर्शक गिरीश नानोटी ने किया।
Created On :   21 Aug 2022 2:56 PM IST