हार्निया के आपरेशन का केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने नही दिया क्लेम

Care health insurance did not claim for hernia operation
हार्निया के आपरेशन का केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने नही दिया क्लेम
बीमित ने कहा सारे दस्तावेज लेने के बाद लगवा रहे चक्कर हार्निया के आपरेशन का केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने नही दिया क्लेम

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। पॉलिसी बेचते से नियम व गाईड लाइन से पॅलिसी खरीदने वालों को अवगत नही कराया जाता हैं। यहां तक की किसी तरह की नियमावली की छायाप्रति दी जाती हैं। जब बीमित को पॉलिसी का लाभ लेना होता है तब अनेक प्रकार के नियम रख दिए जाते है और पहले तो कैशलेस से मना करते है और उसके बाद बिल सम्मेट होने के उपरांत अनेक क्वेरी निकाल ली जाती हैं। क्वेरी निकालने के बाद बीमा कंपनी के द्वारा क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है या फिर 30 प्रतिशत भुगतान कर मामले से इतिश्री कर दिया जाता हैं। पॉलिसी धारक जब जवाब मांगता है तो बीमा कंपनी का क्लेम डिपार्टमेंट के जिम्मेदार अपने हाथ खड़े कर लेते है और किसी तरह का जवाब नही देते हैं। बीमित प्रशासन से कार्रवाई की मांग लगातार कर रहे है पर कही सुनवाई नही हो रही है। 

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

चार साल से संचालित करते आ रहे पॉलिसी-

बिलहरी निवासी नरेन्द्र कुमार शिन्दे ने अपनी शिकायत में बताया कि केयर हेल्थ इंश्योरेंस से चार साल से हेल्थ पॉलिसी लेते आ रहे है। बीमा कंपनी के अधिकारियों ने वादा किया था कि हमारी कंपनी अस्पताल में कैशलेस करती है और इलाज में लगने वाले पूरे खर्च का भुगतान करती है। पत्नी नम्रता शिंदे का हार्निया हो गया था और इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान पहले बीमा कंपनी ने कैशलेस के लिए अनुमति दे दी थी पर बाद में उसे निरस्त कर दिया था। निरस्त किए जाने के कारण उन्हें अपने पास से एक लाख से अधिक का भुगतान अस्पताल में करना पड़ा था। बीमा अधिकारियों के कहने पर सारा भुगतान करने के उपरांत सारे बिल व इलाज की हिस्ट्री सबमिट की थी। बीमा कंपनी ने उसमें अनेक क्वेरी निकाली। जिम्मेदारो के कहने पर सत्यापित कराकर दिया तो क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्यों ने यह कहते हुए बीमा क्लेम निरस्त कर दिया कि 26 साल पहले भी इलाज हुआ था इसलिए हम क्लेम नही दे सकते है। बीमित ने सारे तथ्य दिए पर जिम्मेदार उसे मानने के लिए तैयार नही है। बीमित का आरोप है कि बीमा अधिकारी जानबूझकर आम लोगों को परेशान कर रहे है और इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होना चाहिए। वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधी का कहना है कि परीक्षण कराकर जल्द निराकरण किया जाएंगा।
 

Created On :   14 May 2022 7:36 PM IST

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