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फर्जी तरीके से कई बैंकों को लगाया चूना, रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर निकाला लोन
डिजिटल डेस्क नरसिंहपुर । राजस्व रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर फर्जी जमीन के 20 से 25 खसरे बनाकर ऋण पुस्तिका पर जालसाजों ने प्राइवेट एवं सरकारी बैंकों से चार से पांच करोड़ का लोन ले लिया। लैंड रिकॉर्ड में गड़बड़ी का यह मामला गाडरवाड़ा (नरसिंहपुर) का है। इस मामले में एसटीएफ में दो तत्कालीन तहसीलदार और नौ फर्जी हितग्राहियों के खिलाफ धोखाधड़ी और षडयंत्र का मामला दर्ज है। इसी प्रकार की गड़बड़ी ग्वालियर और मुरैना के लैंड रिकॉर्ड में भी सामने आई है।
एसटीएफ के मुताबिक विनायक परिहार ने लैंड रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर उसमें फर्जी नाम और जमीन जोड़े जाने की शिकायत की थी। यह गड़बड़ी 2009-2010 में लैंड रिकॉर्ड के कंप्यूटरीकरण के दौरान तहसीलदारों की मिलीभगत से की गई थी। एसटीएफ ने इस संबंध में तत्कालीन तहसीलदार वीरेंद्र कुमार कर्ण और भुवन गुप्ता समेत गाडरवाड़ा क्षेत्र के नौ हितग्राहियों मायाबाई गुर्जर, नन्हेलाल गुर्जर, किशोर सिंह गुर्जर, भैयाजी गुर्जर, सकुनबाई लोधी, श्यामलाल लोधी, सावित्री बाई गुप्ता, विनोद कुमार गुर्जर और माया बाई गुर्जर के खिलाफ षडयंत्र और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इनमें से भुवन गुप्ता वर्तमान में टीटीनगर एसटीएम कार्यालय में बतौर तहसीलदार पदस्थ हैं। एसटीएफ ने एनआईसी भू अभिलेख कार्यालय ग्वालियर की सर्चिंग की, जिसमें स्पष्ट हुआ कि फर्जी खसरों की एंट्री गाडरवाड़ा के सिस्टम से ही हुई थी। इसके पासवर्ड तहसीलदार के पास थे। विवेचना में सामने आया है कि फर्जी जमीन के 20 से 25 खसरे बनाए गए थे। बाद में इन खसरों को स्कैन करके भी फर्जी खसरे बनाकर गाडरवाड़ा और उसके आसपास के बैंकों से एक संगठित गिरोह द्वारा लोन लिया गया है। एक खसरे पर विभिन्न बैंकों से चार-पांच बार लोन लिया गया। जालसाजों ने बैंकों के लेटर हेड हासिल कर उनकी सील लगाकर एनओसी भी तैयार की थी। एसटीएफ ने गाडरवाड़ा एवं आसपास के सभी बैंकों से जानकारी मांगी है। इसके बाद पता चलेगा कि जालसाजों ने कितने करोड़ का लोन लिया है। अभी प्राप्त आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि जालसाजों ने चार से पांच करोड़ का लोन लिया है। एसटीएफ अन्य आरोपियों की भी तलाश कर रही है।
Created On :   15 Dec 2017 1:49 PM IST