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लाइसेंस बगैर चल रहीं थी ब्रेड फैक्ट्री - प्रशासनिक टीम ने मारा छापा
खाद्य सुरक्षा व पुलिस की संयुक्त कार्यवाही, ब्रेड फैक्ट्री समेत एक डेयरी भी दर्ज कराई गई एफआईआर
डिजिटल डेस्क सिंगरौली । नाश्ते के रूप में घर-घर उपयोग होने वाली ब्रेड को गंदगी की ऐसी भरमार के बीच बनाया जा रहा था, जिसे देखकर खाद्य सुरक्षा और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम के लोग भौचक्के रह गए। गंदगी के बीच बनाई जाने वाली ब्रेड का सेवन करने वाले को किस-किस तरह की बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा होगा, यह सोचकर टीम के लोग सहम उठे थे। दरअसल, यह मामला है लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले ब्रेड फैक्ट्री का। मोरवा थाना के गोरबी स्थित नौढिय़ा में काफी समय से धड़ल्ले से संचालित की जा रही थी और वह भी बिना किसी लाइसेंस के। ऐसे में मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत, हाल ही में इस फैक्ट्री पर खाद्य सुरक्षा और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने अचानक छापेमारी की कार्यवाही की। संयुक्त टीम को देखकर मौके पर हडक़ंप मच गया। मौके पर भारी गंदगी के बीच ब्रेड बनाने में जुटे लोग इधर-उधर भागने लगे। हालांकि टीम की सख्ती के आगे किसी की एक न चली। इसके बाद संयुक्त टीम ने जब फैक्ट्री का मुआयना किया तो उस दौरान यह पाया गया कि जहां ब्रेड का निर्माण कराया जा रहा, उस जगह पूरी फर्श उखड़ी पड़ी थी और फर्श-दीवरों आदि में गंदगी के धब्बे दिख रहे थे। छत भी टीनशेड की थी और हर तरफ जाले लगे हुये थे। ब्रेड निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री भी मौके पर गंदगी के बीच खुले में रखी हुई मिली। जिससे ब्रेड का निर्माण अत्यधिक स्वास्थ्य के लिये हानिकारक स्थिति में पाया गया।
खाद्य सामग्री लिए गए सेंपल
मौके पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ओपी साहू द्वारा ब्रेड का सैम्पल भी कलेक्ट कर जांच के प्रयोगशाला भेजा गया है। जबकि कलेक्टर के निर्देश पर ब्रेड फैक्ट्री संचालक मनोज श्रीवास्तव के खिलाफ मोरवा थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। मोरवा टीआई मनीष त्रिपाठी ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और विवेचना जारी है। विवेचना में जो पहलू सामने आयेंगे, उनके आधार पर धाराएं भी बढ़ाकर कार्यवाही की जा सकती है।
2019 से संचालित थी फैक्ट्री
जानकारी के अनुसार, इस कार्यवाही दौरान टीम द्वारा जब फैक्ट्र्री के संचालक से पूछताछ की जा रही थी, तो उस दौरान उससे फैक्ट्री का लाइसेंस मांगा गया। जिससे वह यह कहकर अपना बचाव करने में लगा रहा कि कोविड के कारण महीनों से फैक्ट्री बंद पड़ी थी और अभी कुछ ही माह से फैक्ट्री का संचालन फिर से शुरू किया गया है। ऐसे में उससे खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने कहाकि इससे पहले का ही लाइसेंस या अन्य दस्तावेज दिखाओ। लेकिन फैक्ट्री संचालक मनोज श्रीवास्तव, फैक्ट्री संचालन के जुड़े कोई दस्तावेज व लाइसेंस नहीं प्रस्तुत कर सका और बहाने बनाता रहा। इससे टीम को शक हुआ कि हो न हो फैक्ट्री का संचालन बिना लाइसेंस के किया जा रहा था।
चंडिका डेयरी का पनीर मिला अमानक
जिला मुख्यालय वैढऩ में टॉकीज मोड़ क्षेत्र में संचालित चंडिका डेयरी के संचालक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार, इस डेयरी पर खाद्य सुरक्षा व पुलिस विभाग की संयुक्त द्वारा 13 जनवरी को जांच की गई थी। इस दौरान मिलावट की आशंका पर पनीर का सैम्पल कलेक्ट कर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा था और उसकी रिपोर्ट हाल ही में आ गई है। प्रयोगशाला की रिपोर्ट में पनीर अमानक पाया गया है। जिससे डेयरी संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
Created On :   12 Feb 2021 5:50 PM IST