दोनों पैर टूट गए पर मैक्स बूपा ने नहीं दिया बीमा क्लेम

Both legs were broken but Max Bupa did not pay the insurance claim
दोनों पैर टूट गए पर मैक्स बूपा ने नहीं दिया बीमा क्लेम
पीड़ित ने कहा- हमें भटकाया जा रहा है लंबे समय से दोनों पैर टूट गए पर मैक्स बूपा ने नहीं दिया बीमा क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ लाख दावे करें पर जरूरत के वक्त व मौत के बाद भी किसी तरह का सहयोग देने तैयार नहीं रहती हैं। अनेक खामियाँ निकालकर पॉलिसीधारक या फिर नॉमिनी को भटकाने के सिवाए कुछ नहीं करती हैं। यह काम आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस, बजाज एलियांज हेल्थ इंश्योरेंस, भारती एक्सा, हेल्थ इंश्योरेंस, केयर हेल्थ इंश्योरेंस, चोला एमएस हेल्थ इंश्योरेंस, फ्यूचर जेनेरली हेल्थ इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो जनरल हेल्थ इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो हेल्थ इंश्योरेंस (पहले का नाम अपोलो म्युनिक हेल्थ इंश्योरेंस), आईएफएफसीओ टोक्यो हेल्थ इंश्योरेंस, मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस, मणिपालसिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस, नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस, न्यू इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस, ओरिएण्टल हेल्थ इंश्योरेंस, रॉयल सुंदरम हेल्थ इंश्योरेंस, रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस, एसबीआई हेल्थ इंश्योरेंस, टाटा एआईजी हेल्थ इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस, यूनिवर्सल सोम्पो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी कर रहीं पर जिम्मेदार पूरी तरह मौन हैं। पॉलिसीधारकों के द्वारा बीमा कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की माँग की जा रही है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

आज भी दोनों पैर से नहीं चल पा रहा बीमित

 

रीवा गैस गोदाम के समीप रहने वाले कृष्ण कुमार तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने मैक्स बूपा से बीमा कराया हुआ है। पॉलिसी क्रमांक 31475792202000 का प्रीमियम भी प्रति वर्ष जमा करते आ रहे हैं। अक्टूबर 2021 में सिमरिया के समीप हुए हादसे में वे बुरी तरह जख्मी हो गए थे और दोनों पैरों का उन्हें ऑपरेशन कराना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान बीमा कंपनी के द्वारा कैशलेस नहीं किया गया था। ठीक होने के बाद सारे बिल व अस्पताल की रिपोर्ट बीमा कंपनी में सबमिट की गई थी। बीमा कंपनी के अधिकारियों व क्लेम डिपार्टमेंट के जिम्मेदारों ने उसमें अनेक प्रकार की क्वेरी निकालीं जो बीमित ने किसी तरह सत्यापित कराकर दोबारा जमा की पर उन्हें आज तक बीमा कंपनी के अधिकारियों के द्वारा क्लेम नहीं दिया गया। उनके द्वारा लगातार बीमा कंपनी में पत्र लिखा गया और टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया गया उसके बाद भी वहाँ से किसी तरह का जवाब नहीं दिया गया। बीमित का आरोप है कि बीमा कंपनी के प्रबंधन के द्वारा जानबूझकर आम लोगों के साथ गोलमाल किया जा रहा है। सारे दस्तावेज सही होने के बाद भी भुगतान नहीं किया और आज भी वे दोनों पैरों से चल नहीं पा रहे हैं और हादसे के बाद से आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है, वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया। 

Created On :   9 July 2022 2:37 PM IST

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