हादसे में टूटे दोनों पैर,निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने किया नो क्लेम

Both legs broken in the accident, Niva Bupa Health Insurance Company did no claim
हादसे में टूटे दोनों पैर,निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने किया नो क्लेम
शिकायत करने पर जिम्मेदार उल्टा धमका रहे हादसे में टूटे दोनों पैर,निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने किया नो क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ किस तरह आम लोगों को परेशान करती हैं, इसके रोज ही नए-नए राज खुलकर सामने आ रहे हैं। अस्पताल में कैशलेस करने से इनकार कर दिया जाता है और जब पॉलिसी धारक पूरे दस्तावेजों के साथ क्लेम करता है तो उनमें अनेक गलतियाँ निकाली जाती हैं। गलतियों को सुधारवाकर जब पॉलिसी धारक देते हैं तो जल्द क्लेम देने का वादा तो किया जाता है पर अचानक पुरानी बीमारी का हवाला देकर नो क्लेम का लैटर बीमित के घर भेज दिया जाता है। यह गोलमाल किसी एक पॉलिसी धारक के साथ नहीं किया जा रहा, बल्कि सैकड़ों लोगों के साथ ऐसा बर्ताव बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्यों द्वारा किया रहा है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

भुगतान करने के लिए 14 महीने से भटका रहे

रीवा निवासी कृष्ण कुमार तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया कि मैक्स बूपा वर्तमान में निवा बूपा के नाम से संचालित बीमा कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस कराते आ रहे हैं। अक्टूबर 2021 में सड़क दुर्घटना में दोनों पैर टूट गए थे। पैर टूटने के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था और काफी दिनों तक अस्पताल में इलाज चला। इलाज के दौरान पॉलिसी क्रमांक 31475792202000 का कैशलेस कार्ड अस्पताल में दिया, तो बीमा कंपनी ने कैशलेस से इनकार कर दिया। बीमित को पूरे इलाज का खर्च स्वयं वहन करना पड़ा।

ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल व अस्पताल की रिपोर्ट जब सबमिट की गई, तो बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्यों ने परीक्षण के बाद जल्द भुगतान करने का दावा किया था पर 14 महीने बीत जाने के बाद भी बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया जा रहा है। बीमित मामले में कई बार बीमा कंपनी से संपर्क कर चुका है पर जिम्मेदार अब उल्टा धमका रहे हैं। बीमित का आरोप है कि बीमा अधिकारी पॉलिसी धारकों के साथ गुण्डों की तरह बर्ताव कर रहे हैं और ऐसे लोगों के विरुद्ध प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए।

Created On :   16 Dec 2022 5:50 PM IST

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