हैदराबाद भेजे जाएँगे नकली रेमडेसिविर के खाली वॉयल

Blank Vials of Fake Remdesivir will be sent to Hyderabad
हैदराबाद भेजे जाएँगे नकली रेमडेसिविर के खाली वॉयल
हैदराबाद भेजे जाएँगे नकली रेमडेसिविर के खाली वॉयल


डिजिटल डेस्क जबलपुर। सिटी हॉस्पिटल में भर्ती हुए कोरोना संक्रमित मरीजों को लगाए गए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों के खाली वॉयल जाँच के लिए हैदराबाद भेजे जाएँगे। इस दौरान वहाँ स्थित माइलोन कंपनी यह जाँच करेगी कि इन नकली इंजेक्शनों को बनाने में किस तरह के केमिकल्स का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा उन्हें लगाने पर किसी मरीज के शरीर में िकस तरह का असर देखने को मिलता है। कंपनी द्वारा की जाने वाली इस पड़ताल के बाद सामने आने वाली रिपोर्ट से एसआईटी को आगे की जाँच करने में िवशेष मदद मिल सकेगी।
जानकारों की मानें तो इस मामले में देवेश, जसमीत और सोनिया खत्री शुक्ला की निशानदेही पर जब्त किए गए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों के खाली वॉयल को जाँच के लिए हैदराबाद स्थित माइलोन कंपनी भेजा जाना है। इस मामले में एसआईटी ने कंपनी को एक पत्र भी लिखा था। जिसके बाद कंपनी ने पत्र में से एक बिन्दु के जवाब में यह बता दिया था कि जिस बैच नंबर के इंजेक्शनों का उपयोग सिटी हॉस्पिटल में किया गया, उस नंबर के असली रेमडेसिविर इंजेक्शन जबलपुर नहीं भेजे गए हैं। वहीं कंपनी से एक प्रतिनिधि भेजने की बात भी एसआईटी ने पत्र के माध्यम से कही थी, जिसे नकली इंजेक्शनों के सैंपल सौंपे जा सकें लेकिन अब तक कोई प्रतिनिधि नहीं आया है, जिससे यह माना जा रहा है कि पुलिस टीम सैंपल लेकर हैदराबाद जाएगी।
लग्जरी कार से आए थे आरोपी-
इस बीच यह जानकारी भी सामने आई है कि लग्जरी कार में ही नकली इंजेक्शन रखे हुए थे। इंदौर में हुई इस डीलिंग में दोनों बार कार के भीतर ही सरबजीत िसंह मोखा के राजदार गोरखपुर चन्द्रिका परिसर निवासी राकेश शर्मा ने उनकी गिनती भी की थी। उस वक्त कार के भीतर ही रीवा निवासी सुनील मिश्रा और गुजरात में रहने वाला कपिल वोरा भी मौजूद था। राकेश ने इंजेक्शनों की गिनती के बाद मोखा और इस अपराध में शामिल अन्य आरोपियों को हरी झंडी दिखाई थी और तब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जबलपुर भेजे गए थे। इसका खुलासा एसआईटी की जाँच में हुआ है।
एसआईटी ने आरोपियों के जब्त किए थे मोबाइल-
इस बीच यह बात भी सामने आई है कि एसआईटी ने आरोपियों के आधा दर्जन मोबाइल जब्त कर उन्हें जाँच के लिए भोपाल स्थित साइबर सेल भेजा था। सूत्रों की मानें तो चार से पाँच दिनों में साइबर सेल भोपाल द्वारा सभी मोबाइल फोन्स की जाँच पूरी कर ली जाएगी। जिसके बाद जाँच रिपोर्ट भोपाल स्टेट साइबर सेल द्वारा एसआईटी को भेजी जाएगी और तब मोबाइल से जुड़े कई और राज एसआईटी के सामने खुलकर आ जाएँगे। यह भी बताया जा रहा है िक एसआईटी सपन और सुनील को जल्द से जल्द पुलिस रिमांड पर लाना चाहती है। जानकारी के अनुसार सपन और सुनील नकली रेमडेसिविर मामले में अहम कड़ी हैं। जिनसे 35 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों के बारे में और भी बारीकी से पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही इंदौर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिलेवरी देने वाला रीवा निवासी सुनील मिश्रा भी रिमांड पर लिया जाएगा। ताकि पूछताछ कर यह पता लगाया जा सके कि कहीं उसने शहर में और किसी को तो नकली रेमडेसिविर की डिलेवरी नहीं दी है।

 

Created On :   11 Jun 2021 10:49 PM IST

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