थम नहीं रही यूरिया की कालाबाजारी, दुकानों में कृषि विभाग के कर्मचारी तैनात

Black marketing of urea did not stop, Agriculture Department employees posted in shops
थम नहीं रही यूरिया की कालाबाजारी, दुकानों में कृषि विभाग के कर्मचारी तैनात
छिंदवाड़ा थम नहीं रही यूरिया की कालाबाजारी, दुकानों में कृषि विभाग के कर्मचारी तैनात

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। खरीफ सीजन में इस साल किसानों को यूरिया के लिए दोगुने दाम चुकाने पड़ रहे हैं। कहीं किसानों को ३०० रुपए की यूरिया बोरी के साथ २०० रुपए का दहेज यानी अतिरिक्त सामान जबरिया थमाया जा रहा है तो कहीं एक बोरी के दाम सीधे ४०० रुपए तक वसूले जा रहे हैं। किसानों की शिक ायत के बाद अब हर खाद की दुकान पर कृषि विभाग के अमले की तैनाती की जा रही है।
जिले में इस साल खरीफ सीजन में यूरिया का जबरदस्त उठाव रहा। कृषि विभाग ने खरीफ सीजन के लिए ७५ हजार टन यूरिया का लक्ष्य निर्धारित किया था, २२ जुलाई तक
 जिले में ७३ हजार २८३ टन यूरिया निजी स्टाकिस्ट और सहकारी समितयों को भेजा जा चुका था। जबकि बीते साल पूरे सीजन में महज ६९ हजार ९१२ टन यूरिया की खपत हुई थी। सीजन शुरू होने से पहले निजी खाद विक्रेताओं को यूरिया का एकतरफा
 आवंटन किया गया। विपणन संघ और खाद कंपनियों के बीच करार में देरी से सहकारी समितियों को जून माह के अंतिम सप्ताह से यूरिया की खेप मिली। डीएमओ कार्यालय के अनुसार जिले की सहकारी समितियों को अब तक २७ हजार ८३२ टन यूरिया आ
वंटित हुआ जबकि निजी विक्रेताओं को ४५ हजार टन से ज्यादा यूरिया मिली।
किसानों की जुबानी
खुले बाजार में यूरिया की बोरी ४०० रुपए से कम में नहीं मिल रही है। सहकारी समितियों में एक किसान को रकबे के अनुसार ३ से ५ बोरी यूरिय
ा दे रहे हैं। यूरिया के साथ बेकार का सामान थमा रहे हैं।
विजय बट्टी, किसान बीसापुर
जिले में हजारों किसान ऐसे हैं जिनका सहकारी समितियों में खाता नहीं है या वे अपात्र हो गए हैं। ऐसे किसानों को खुले बाजार में एक बोरी यूरिया
के ३२० से ३७० रुपए देने पड़ रहे हैं।
इनका कहना है
जिले के सभी निजी खाद बिक्री केंद्रों में कृषि विभाग के अमले को तैनात किया गया है। किसानों को चाहिए कि वे अमले की उपस्थिति में यूरिया की खरीदी करे।
जितेंद्र कुमार सिंह, उप संचा
लक कृषि।
रिकार्ड में २२ टन यूरिया, गोदाम खाली
सरकार ने निजी खाद विक्रेताओं और सहकारी समितियों में यूरिया बिक्री के लिए पीओएस मशीन के उपयोग अनिवार्य कर दिया है। पीओएस यानी पाइंट ऑफ सेल मशीन में यूरिया खरीदने वाले
 किसान के आधार नंबर सहित अन्य जानकारी दर्ज की जाती है। लेकिन अधिकांश खाद विक्रेता इसका पालन नहीं कर रहे हैं। अमरवाड़ा में एक खाद विक्रेता के पास पीओएस मशीन के अनुसार २२ टन यूरिया होना बताया जा रहा था लेकिन अधिकारियों
 ने औचक निरीक्षण किया तो गोदाम में एक बोरी यूरिया भी नहीं मिला। किसानों ने दुकानदार के खिलाफ अधिक दाम में यूरिया बेचे जाने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई थी। किसानों की शिकायत पर कृषि विभाग की टीम ने नेमा कृषि
केंद्र अमरवाड़ा अचानक दबिश दी तब यूरिया की धांधली उजागर हुई। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कृषि उपसंचालक ने मेसर्स नेमा कृषि केंद्र अमरवाड़ा को उर्वरक लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है।

Created On :   30 July 2022 6:23 PM IST

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