शिवसेना को खत्म करना चाहती थी भाजपा, सरकार की नजर में महाराष्ट्र का विकास ही सर्वोपरि

BJP wanted to end Shiv Sena, Maharashtra development important for government
शिवसेना को खत्म करना चाहती थी भाजपा, सरकार की नजर में महाराष्ट्र का विकास ही सर्वोपरि
शिवसेना को खत्म करना चाहती थी भाजपा, सरकार की नजर में महाराष्ट्र का विकास ही सर्वोपरि

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अधिवेशन में विरोधियों द्वारा तीन पार्टियों की सरकार को ‘स्थगिती सरकार’ होने का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन मौजूदा परिस्थिति के लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है। शिवसेना के खींचतान की रणनीति बनाई गई थी। गोवा में गोमांतक को खत्म किया। असम में गणतंत्र पार्टी को समाप्त किया। यह षड्यंत्र नजर के सामने थे। शिवसेना ने शरण में जाने से इनकार किया और सरकार अस्तित्व में आयी। यही विरोधियों को रास नहीं आ रहा है। यह स्थगिती सरकार नहीं, गतिशील सरकार है। अर्जुन को जैसे मछली की आंख दिखती थी, वैसे इस सरकार को महाराष्ट्र का विकास दिख रहा है। यह निशाना उच्च व तंत्र शिक्षण मंत्री सुभाष देसाई ने साधा। 

सिर्फ आरे कार शेड का विरोध
राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से विधानपरिषद में उच्च व तंत्रशिक्षण मंत्री सुभाष देसाई ने जवाब दिया। जवाब से विरोधी असंतुष्ट दिखे। आक्रामक हुए। राइट टू रिप्लाय मांगा, लेकिन सभापति ने उसे नकार दिया, इस कारण विरोधी पक्षनेता प्रवीण दरेकर सहित पूरे विपक्ष ने विधानपरिषद की कार्यवाही से सभात्याग किया। इस बीच देसाई ने स्पष्ट किया कि मेट्रो प्रकल्प का विरोध नहीं है, सिर्फ आरे कार शेड का विरोध है। आरे के लिए पर्यायी जगह ढूंढ़ने के लिए समिति गठित की गई है। 

‘बातें कम, काम ज्यादा’ 
विपक्ष को शांत कराने का प्रयास करते  हुए सुभाष देसाई ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सात पन्नों का है। इसमें 42 मुद्दे खास हैं। उन्होंने कहा कि ‘बातें कम, काम ज्यादा’ की नीति सरकार ने बनायी है। किसानों को मदद देने की शुरुआत हो गई है। 5 हजार 350 करोड़ में मदद मिलनी शुरू हो गई है। राज्य में नैसर्गिक संकट में फंसे बलीराजा की जान जा रही है। यह ध्यान में रखकर तकनीक की मदद लेकर हवामान बदलाव का अध्ययन कर मुहिम शुरू की गई है। आगामी समय में स्थानीय नौकरी में 80 प्रतिशत भूमिपुत्रों को नौकरी मिले, इसके लिए कानून बनाने वाला यह पहला राज्य होगा। 

वंचितों का जीवन सुखद बनाएंगे
उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति, भटक्या विमुक्त सहित बारा बलुतेदार सहित सभी वंचितों का जीवन सुखद करने के लिए उन्हें रोटी-कपड़ा-मकान सहित शिक्षण और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास सरकार कर रही है। स्वास्थ्य जांच के लिए 1 रुपे क्लीनिक संकल्पना चलायी जा रही है। राज्य में एक समय में 10 लाख लोगों के लिए 10 रुपए में खाने की थाली देने का संकल्प है।

Created On :   20 Dec 2019 3:21 PM IST

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