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कागजों में हो रही उड़द की खरीदी, लाखों रुपए का 'गोलमाल'
,डिजिटल डेस्क दमोह। कृषि उपज मंडी दमोह में व्यापारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से कागजों में ही खेल खेला जा रहा है और यहां पर आवक कुछ हो रही है जबकि आवक और अनुबंध पर्ची काटकर लाखों रूपए का गोलमाल किया जा रहा है। दमोह कृषि उपज मंडी में किसी न किसी न प्रकार के कारनामें किए जा रहे है जिसमें जहां मंडी प्रशासन कागजों में कुछ आवक बताती है तो निकासी में कुछ। यदि व्यापारियों के स्टॉक का परीक्षण कराया जाए तो गोदामों में कुछ भी नहीं मिलेगा। व्यापारी सिर्फ कागजों में ही इस कारोबार को संचालित कर रहे है।
एक दिन में 66 सौ क्विंटल की निकासी
यह बहुत ही बड़ा कारनामा है जबकि उड़द की जितनी उपज हो रही नहीं उतनी खरीदी दर्शाई जा रही है। सोमवार का ही मामला यदि देख लिया जाए तो कागजों में 6 हजार 642 क्विंटल की आवक दर्शाई है जबकि मैदानी स्तर पर आज सोमवार को 4 हजार क्विंटल से अधिक उड़द की आवक हुई ही नहीं लेकिन मंडी के अधिकारी व व्यापारी जिस प्रकार से भावांतर में कागजों में यह खेल करकर 250 रूपए से लेकर 500 रूपए क्विंटल का खेल, खेल रहे है यह किसी से छिपा नहीं है।
एक ही फर्म द्वारा अधिक खरीदी क्यों
इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस प्रकार से उड़द की खरीदी कागजों में की जा रही है। इस कारोबार में मंडी के अधिकारियों सहित 3-4 फर्मे शामिल है लेकिन इन 3-4 फर्मो में भी हटा एवं दमोह में भी सबसे अधिक विवेक टे्रडर्स द्वारा खरीदी की जा रही है और इनकी यदि पर्चियों की जांच की जाए तो इनका आवक पर्ची व अनुबंध पर्चियों का सीरियल लगातार ही मिलेगा। इससे यह बात स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है कि किस प्रकार से एक फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए मंडी के अधिकारी किस प्रकार से बंद कमरे में यह खेल, खेल रहे है।
स्टॉक का कराया जाए परीक्षण
जिन फर्मो द्वारा उड़द की खरीदी की जा रही है। यदि इन फर्मो की गोदामों का स्टॉक परीक्षण कराया जाए तो इन्होंने जितनी उड़द खरीदी है वह बिल्कुल भी नहीं मिलेगी। बल्कि इनके इस कारोबार का सिर्फ कागजों में ही खेल हो रहा है। गोदामों में कहीं पर भी माल नहीं मिलेगा, यदि अधिकारियों द्वारा इनके स्टॉक का परीक्षण किया गया तो पूरा खेल अपने आप खुल जाएगा।
गेहूं आ नहीं रहा, सिर्फ जा रहा
मंडी में सबसे अधिक गेहूं की खरीदी का भी खेल कागजों में हो रहा है। गेहूं की आवक बिल्कुल भी नहीं हो रही है लेकिन प्रतिदिन 5 सौ से 6 सौ क्विंटल गेहूं निकासी कागजो मे की जा रही है वर्तमान में किसानों के पास बिल्कुल भी गेहूं नहीं है फिर यह गेहूं कहा से आ रहा है यह बात स्पष्ट रूप से समझ में आ रही है कि भोपाल की तरह ही यह गेहूं शासकीय योजनाओं के तहत वितरित होने वाला ही गेहंू है जो कागजों में निकासी दर्शाकर खेल, खेला जा रहा है।
इनका कहना है
इस संबंध में आज ही किसी अधिकारी को भेजकर परीक्षण कराया जाएगा और दोषी होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. श्रीनिवास शर्मा कलेक्टर, दमोह
Created On :   12 Dec 2017 1:48 PM IST