- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला: भिड़े के...
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला: भिड़े के खिलाफ जांच की स्थिति पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिव प्रतिष्ठान संस्था के प्रुमख व भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी भिड़े गुरुजी के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस से जांच रिपोर्ट मंगाई है। हाईकोर्ट ने पुलिस को मामले के संबंध में 16 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। इस विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता अनिता सावले ने अधिवक्ता सुरेश माने के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
सोमवार को यह याचिका न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान अधिवक्ता सुरेश माने ने खंडपीठ के सामने कहा कि मामले की जांच को लेकर पिछली सुनवाई के दौरान पुणे ग्रामीण पुलिस को तीन महीने का समय दिया गया था लेकिन अब तक प्रकरण की जांच को लेकर क्या स्थिति है इसका खुलासा नहीं किया गया है। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस की जांच प्रगति पर है। पुलिस मामले से जुड़े सीडीआर व दूसरे दस्तावेजों की जांच कर रही है। पुलिस की जांच अतिम पडाव पर है। पुलिस को जांच पूरा करने के लिए थोड़ा और वक्त दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की जांच 16 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी और अगली सुनवाई के दौरान जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा।
आयोग के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा संगठन ,चुनावी ड्यूटी का विरोध
पॉलिटेक्निक शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों को राज्य में होनेवाले विधान सभा चुनाव के लिए चुनावी ड्यूटी में भेजने की मांग को लेकर भेजी गई नोटिस के खिलाफ दि एसोसिएशन आफ मैनेजमेंट आफ पॉलिटेक्निक नामक संगठन ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मुख्य रुप से चुनाव आयोग की ओर से चुनावी ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की मांग के संबंध में भेजी गई नोटिस पर रोक लगाने व उसे रद्द करने की मांग की गई है।
याचिका में साफ किया गया है कि पॉलिटेक्निक शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह से गैर अनुदानित शैक्षणिक संस्थान है। इसलिए यहां के कर्मचारियों को नियमानुसार चुनावी ड्यूटी में नहीं लगाया जा सकता है। याचिका में साफ किया गया है कि यदि कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी में लगाया जाता है तो इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा। इसलिए चुनावी ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की मांग को लेकर पॉलिटेक्निक संस्थान को 18 जुलाई 2019 को भेजे गए नोटिस पर रोक लगाई जाए और इसे रद्द किया जाए। सोमवार को न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे पर विस्तार से सुनवाई की जरूरत है। सुनवाई के दौरान हम मुख्य रुप से उन प्रावधानों पर गहराई से विचार करना चाहते हैम जिसके अंतर्गत चुनावी ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की मांग के विषय में नोटिस जारी की गई है। यह कहते हुए खंडपीठ ने याचिका पर 27 सितंबर को सुनवाई रखी है।
Created On :   16 Sept 2019 7:32 PM IST