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बेेकाबू कोरोना- अस्पतालें पैक, श्मशान में वेटिंग, 552 नए कोरोना संक्रमित मिले
डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना संक्रमण अब बेकाबू हो चुका है। जिले में मिल रहे नए संक्रमितों में लगातार हो रहा इजाफा इस बात का सबूत है। वहीं चौहानी मुक्तिधाम में अब कोरोना संक्रमितों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पडऩे लगी है। वेटिंग इतनी लंबी है कि घंटों शव एंबुलेंस में रखे रहते हैं। सोमवार को यहाँ स्थिति और भी डरा देने वाली नजर आई। एक के बाद के 32 शवों के जलने के बाद भी 4 शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो सका और शव अस्पतालों में ही रखे रहे। शवों को जलाने के लिए लकडिय़ां तक कम पड़ गईं। वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में आईसीयू बेड फुल हो चुके हैं। विक्टोरिया अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में एक भी आईसीयू बेड नहीं है। जिले में नए संक्रमितों के आँकड़ों ने अब तक की सबसे बड़ी छलांग लगाई। सोमवार को 552 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं प्रशासन के अनुसार सोमवार को 4 की मृत्यु हुई हैं।
एक दिन में 32 मौतें!
जानकारी के अनुसार सोमवार को चौहानी में 32 शवों की अंत्येष्टि हुई, इनमें से 30 कोरोना पॉजिटिव थे, वहीं 2 अन्य शवों को कब्रिस्तान में दफनाया गया। जगह न होने के कारण 4 शव अस्पतालों में ही रखे हुए हैं। आँकड़ों पर गौर करें तो स्थिति भयावह नजर आती है। एक दिन में 32लोगों की मृत्यु का आँकड़ा सामने आता है।
इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में क्यों नहीं हो रहा अंतिम संस्कार-
बताया जाता है कि गुप्तेश्वर में बने इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में भी कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार होता है, लेकिन बेहद कम लोग वहाँ अंतिम संस्कार के लिए पहुँचते हैं। लोगों के न पहुँचने का एक कारण, वहाँ के शवदाह गृह में दाह संस्कार कराने वाले कर्मियों की गैर मौजूदगी भी है। लोगों का कहना है कि शव लेकर जाने के बाद वहाँ कर्मचारियों का इंतजार करना पड़ता है।
विक्टोरिया और मेडिकल में बेड फुल-
कोरोना कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार देर शाम तक विक्टोरिया में 16 और मेडिकल कॉलेज में 64 आईसीयू बेड फुल थे। वहीं 30 निजी अस्पतालों में से 28 में एक भी आईसीयू बेड नहीं था, केवल 2 अस्पताल ऐसे थे, जिनमें से एक में 2 बेड और दूसरे में 4 बेड खाली थे। वर्तमान में शहर के सभी अस्पतालों में कुल 2463 बिस्तर हैं, जिनमें से 398 ही रिक्त हैं।
शुरू होते ही भर गया मनमोहन नगर अस्पताल-
मनमोहन नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 30 बेड ऑक्सीजन और 40 आइसोलेशन के लिए तैयार किए गए हैं, इनमें से 30 ऑक्सीजन के बेड सोमवार को ही भर गए।
एक-एक बेड पर नजर-
अस्पतालों में आईसीयू बेड न होने के चलते मरीज और परिजन परेशान हैं। हालात यह हैं कि एक-एक बेड पर सबकी नजर है। किसी अस्पताल में एक बेड खाली होता नहीं कि फिर से उस पर नया मरीज भर्ती हो रहा है।
ऑक्सीजन और रेमडेसिविर को लेकर जारी हुईं गाइडलाइन्स-
प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की किल्लत को देखते हुए गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, जिनमें किसी मरीज को इनकी कितनी जरूरत है, इसके बारे में बताया गया। नोडल अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि कोरोना के मरीज का ऑक्सीजन लेवल अगर 95 से अधिक है तो उसे ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। इसी तरह अगर ऑक्सीजन लेवल 92 से 95 के बीच है तो 5 लीटर प्रति मिनट, 90 से कम होने पर 7 लीटर प्रति मिनट और अगर वेंटीलेटर पर है तो 10 से 15 लीटर प्रति मिनट की सप्लाई दी जाएगी। वहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन उन्हें लगाया जाएगा, जिनकी सीटी वैल्यू 9 से अधिक है। इसे 9 से 15 मॉडरेट और 16 से 25 सीवियर कैटेगरी में रखा गया है।
Created On :   12 April 2021 10:41 PM IST