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महाराष्ट्र में बीफ बैन मामला : सुप्रीम कोर्ट फरवरी में करेगा अंतिम सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में बीफ बैन के सभी मामलों की अंतिम सुनवाई अगले महीने के तीसरे सप्ताह में करेगी। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जिन पक्षों को भी अतिरिक्त याचिकाएं दाखिल करनी है, वे अगली सुनवाई से पहले दाखिल कर दें।
पूर्ण प्रतिबंध के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
महाराष्ट्र के कुरेशी समाज सहित अन्य संगठनों ने राज्य सरकार के बीफ बैन पर पूर्ण प्रतिबंध के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दी थी। याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते 2 सिंतबर को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कुरेशी समाज ने अपनी याचिका में कहा है कि 16 साल से अधिक उम्र के बैल किसान के किसी काम के नही रह जाते है। ऐसे में किसान उन्हे बेच कर पैसा भी नहीकमा पाते। राज्य सरकार की बीफ पर पाबंदी से लाखों लोग बेरोजगार हो गए है। याचिका में कहा गया है कि गौ हत्या रोकने के नाम पर सिर्फ राजनीति हो रही है। फरवरी के अंतिम सप्ताह में इस मसले पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ में सुनवाई होगी।
पर्यावरणीय मंजूरी के बिना अटकी पड़ी 401 परियोजनाएं, महाराष्ट्र की सबसे ज्यादा
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों की 401 ऐसी परियोजनाएं हैं, जो केन्द्र सरकार से पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिल पाने की वजह से अब तक अटकी पड़ी हैं। मोदी सरकार के गठन के बाद पर्यावरणीय मंजूरी के लिए विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े सबसे ज्यादा प्रस्ताव महाराष्ट्र ने केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भेजे हैं तो मंत्रालय में सबसे ज्यादा लंबित परियोजनाएं भी महाराष्ट्र की ही है। केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मुताबिक गत तीन वर्ष के दौरान कई राज्यों से पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए कुल 2,013 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें 1,612 परियोजनाओं को हरी झंडी मिल चुकी है, जबकि शेष 401 परियोजनाएं अभी लंबित हैं।
Created On :   8 Jan 2018 11:16 PM IST